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कोलकाता, 22 अक्टूबर (हि. स.)। कसबा स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज (न्यू कॉम्प्लेक्स) परिसर में कथित रूप से दुष्कर्म की शिकार हुई द्वितीय वर्ष की कानून छात्रा ने अब अपना कॉलेज बदल लिया है। छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी अब कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध एक अन्य कॉलेज में दाखिल हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह उसके दाखिले की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। छात्रा त्योहारी अवकाश के बाद अपनी नई संस्था में कक्षाएं शुरू करेगी। सुरक्षा और गोपनीयता के कारण नए कॉलेज का नाम साझा नहीं किया गया है।
कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति संता दत्ता ने भी छात्रा के ट्रांसफर की पुष्टि की और कहा कि छात्रा को पढ़ाई जारी रखने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने खुद उस छात्रा से मुलाकात की है और उसे भरोसा दिलाया है कि उसकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आने दी जाएगी।
यह मामला 25 जून की रात का है, जब कॉलेज परिसर में छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। पिछले सप्ताह अदालत ने कॉलेज के एक सुरक्षाकर्मी पिनाकी बनर्जी को जमानत दे दी। शुरू में छात्रा ने उसे “लाचार गवाह” बताया था, लेकिन बाद में जांच में यह सामने आया कि घटना के समय वह गार्ड रूम में मौजूद था और उसने कुछ नहीं किया, जिसके कारण उसे भी अभियुक्त बनाया गया।
अन्य तीन अभियुक्त — मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी — अब भी न्यायिक हिरासत में हैं। इनमें मनोजीत मिश्रा, जो कॉलेज का पूर्व छात्र और अनुबंधित कर्मचारी था, मुख्य अभियुक्त है। जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी पर अपराध में सहयोग करने का आरोप है।
सूत्रों के अनुसार, मनोजीत मिश्रा का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से मौजूद था, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने नियुक्ति के समय इसे नजरअंदाज कर दिया। बताया गया है कि तीनों अभियुक्त तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई से जुड़े हुए थे।
इस घटना ने पूरे राज्य में गहरा आक्रोश पैदा किया है और कॉलेज परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था तथा प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर