Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मंडी, 22 अक्टूबर (हि.स.)। मंडी जिला में लोगों के आस्था के केंद्र देव माहूंनाग तरौर का दो दिन का धार्मिक भ्रमण बुधवार को समाप्त हुआ और वे अपने मूल स्थान तरौर के लिए रवाना हो गए। इस धार्मिक आयोजन में क्षेत्र के कई प्रमुख देवी-देवताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे यह अवसर और भी पावन और दिव्य बन गया।
देव माहूंनाग 21 अक्तूबर को सुबह 6:30 बजे दुदर पहुंचे थे। उनके आगमन पर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई और भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर माता चामुंडा मोतीपुर, देव बालाकामेश्वर, नवदुर्गा माता चैलचौक और कांगणी माता भी मौजूद रहे, जो धार्मिक एकता और सद्भाव का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे। आगमन की रात को माहूंनाग भजन मंडली ने भव्य जागरण का आयोजन किया। पुजारी दीनानाथ शर्मा, भीम सिंह, लाभचंद, भोलू और पीयूष ने मधुर भजनों और भेंटों के माध्यम से भक्तों को पूरी रात नचाया और झूमने का अवसर दिया।
गूर डिकपाल शास्त्री ने इस दौरान देव माहूंनाग की महिमा का बखान करते हुए कहा कि उन्हें विष के भंडारी के रूप में पूजा जाता है और उनकी मान्यता मंडी क्षेत्र और पूरे हिमाचल में विशेष है। उन्होंने बताया कि अब देवता अपने मूल स्थान तरौर के लिए रवाना हो गए हैं। इस आयोजन ने दुदर क्षेत्र को दो दिनों तक धार्मिक उल्लास और भक्ति की महफिल में बदल दिया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा