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कोलकाता, 22 अक्टूबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कई अभ्यर्थियों से भारी रकम वसूलने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं दी गई।
सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है कि उन अभ्यर्थियों के लिए ‘फर्जी साक्षात्कार’ कराए गए, जिन्होंने पैसे दिए थे। एजेंसी ने यह आरोप तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य और पार्टी के पूर्व नेता विभास अधिकारी पर लगाया है।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, विभास अधिकारी ने भट्टाचार्य की ओर से राज्य के विभिन्न इलाकों में फैले एजेंटों के माध्यम से करोड़ों रुपये की वसूली की। यह रकम कथित तौर पर अधिकारी के जरिये भट्टाचार्य तक पहुंचाई जाती थी।
आरोपपत्र में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव रत्ना चक्रवर्ती का भी नाम शामिल है। सीबीआई का कहना है कि उन्होंने भट्टाचार्य के निर्देश पर नियुक्तियों से जुड़ी अनियमितताओं में भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि माणिक भट्टाचार्य उस समय पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष थे, जबकि विभास अधिकारी बीरभूम जिले के नलहाटी ब्लॉक-दो के तृणमूल अध्यक्ष थे। रत्ना चक्रवर्ती परिषद की सचिव के पद पर कार्यरत थीं। सीबीआई का दावा है कि तीनों ने मिलकर इस बड़े नियुक्ति घोटाले को अंजाम दिया।
भट्टाचार्य को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और फिलहाल वे जमानत पर हैं। विभास अधिकारी भी कई बार सीबीआई के समक्ष पेश हो चुके हैं। उन्हें हाल ही में नोएडा (उत्तर प्रदेश) में एक फर्जी थाने का संचालन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर