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अयोध्या, 22 अक्टूबर (हि.स.)। अन्नकूट के पावन पर्व पर अयोध्या धाम के मठ-मंदिराें में विराजमान युगल सरकार (राधा-कृष्ण) को बुधवार छप्पन भोग लगाया गया। फिर इस भोग का प्रसाद भक्तजनों में वितरित किया गया। भक्तजन भगवान के छप्पन भोग का प्रसाद ग्रहण कर धन्य हुए और अपना जीवन कृतार्थ किया।
श्रीअवधबिहारी कुंज रामानंद नगर में श्रीमहंत गणेश दास महाराज के संयाेजन में अन्नकूट महाेत्सव मनाया गया। उत्सव पर मंदिर में विराजमान युगल सरकार का अभिषेक-पूजन हुआ। उसके बाद नवीन वस्त्र धारण कराकर उनका दिव्य श्रृंगार किया गया। फिर महाेत्सव पर युगल सरकार को छप्पन भोग लगा। उसके बाद उनका आरती-पूजन किया गया। फिर साधु-संत, भक्तजनाें ने भगवान छप्पन भोग का प्रसाद ग्रहण किया।
श्रीअवधबिहारी कुंज पीठाधीश्वर श्रीमहंत गणेश दास महाराज ने कहा कि अन्नकूट महाेत्सव का संबंध गाेवर्धन पूजा से है। इंद्र के अभिमान काे चकनाचूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज वासियाें से गाेवर्धन पर्वत की पूजा करवाई थी। गाेवर्धन पूजा के माध्यम से श्रीकृष्ण ने इंद्र के अभिमान काे ध्वस्त किया। तब से अन्नकूट महाेत्सव मनाया जा रहा है। उस परंपरा का हम सब आज भी निर्वाहन कर रहे हैं।
इसी तरह सिद्धपीठ सियाराम झुनकी घाट में महंत करूणानिधान शरण महाराज के सानिध्य में अन्नकूट महाेत्सव मनाया गया। महाेत्सव पर भगवान श्रीसीताराम काे नया वस्त्र धारण कराकर दिव्य श्रृंगार किया गया। उसके बाद उन्हें छप्पन भोग लगाया। फिर घंटे-घड़ियाराें, शंख की करतलध्वनि बीच युगल सरकार का पूजन-अर्चन हुआ। तदुपरांत उपस्थित साधु-संत, भक्तजन एवं विशिष्टजनाें काे भगवान के अन्नकूट महाेत्सव का प्रसाद दिथा गया। सभी ने बड़े ही चाव संग उत्सव का प्रसाद ग्रहण किया।
महंत करूणानिधान शरण महाराज ने बताया कि अन्नकूट महाेत्सव की परंपरा त्रेतायुग से चली आ रही है। इस त्रेतायुगीन परंपरा का हम सब आज भी निर्वाहन कर रहे हैं। लंका विजय के पश्चात वनवास से लाैटने के बाद अयाेध्यावासियाें ने भगवान श्रीराम एवं मां जानकी छप्पन भोग लगाया था। जिस दिन भगवान के छप्पन प्रकार के व्यंजनाें का भाेग लगा। वह प्रतिपदा का दिन रहा। तब से हर वर्ष प्रतिपदा पर भगवान काे छप्पन भोग लगाया जाता है। जाे दीपावली के अगले दिन पड़ता है। जिसे हम अन्नकूट महाेत्सव के नाम से भी जानते हैं।
वहीं सरयू के पावन तट स्थित सिद्धपीठ करतलिया बाबा भजनाश्रम में महंत बालयाेगी रामदास महाराज के कुशल संयाेजन में अन्नकूट महाेत्सव मनाया गया। अन्नकूट पर्व पर पूरा मंदिर प्रांगण आहलादित रहा। मठ में विराजमान भगवान का दिव्य श्रृंगार कर 56 भाेग लगाया गया। उसके बाद उनका आरती-पूजन हुआ। तत्पश्चात भक्तजनों ने अन्नकूट महाेत्सव का प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर करतलिया बाबा आश्रम के वर्तमान पीठाधिपति महंत बालयाेगी रामदास महाराज ने बताया कि मठ में अन्नकूट महाेत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जिसमें संत-महंत से लेकर विशिष्टजन सम्मिलित हुए। जिन्हाेंने अन्नकूट उत्सव का प्रसाद ग्रहण किया। इस माैके पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद, वरिष्ठ सपा नेता पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन, सपा महानगर उपाध्यक्ष श्रीचंद यादव, रामबख्श यादव, डॉ. अनुराग आनंद, माैजीराम यादव, अखिलेश पांडेय, जगदीश आदि उपस्थित रहे।
इसी तरह दशरथ महल, रंगमहल, लक्ष्मणकिला, अशर्फी भवन, रामलला देवस्थान, काेसलेस सदन, मणिरामदास छावनी, रामवल्लभाकुंज, जानकीघाट बड़ास्थान, बड़े हनुमान, बड़ाभक्तमाल, बड़ी छावनी, बावन मंदिर, हनुमानबाग, रामहर्षण कुंज, खड़ेश्वरी मंदिर, हनुमत निवास, हनुमत सदन, नया मंदिर शीशमहल, हनुमत भवन, बधाई भवन, माेतिहारी मंदिर, डाड़िया मंदिर, राघव मंदिर, हरिधाम पीठ, कांचीमठ, श्यामासदन, तपस्वी छावनी, विजयराम भक्तमाल, लवकुश मंदिर, रामकचेहरी, रामगुलेला, पत्थर मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, रंगवाटिका, वेदमंदिर, रामकृष्ण मंदिर, करूणानिधान भवन, वैद्य मंदिर समेत अन्य मठ-मंदिराें में अन्नकूट महाेत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।-----------------
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय