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जयपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने कौशल नियोजन व उद्यमिता विभाग में कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती-2024 में चयन के बावजूद नियुक्ति से वंचित करने पर तकनीकी शिक्षा सचिव और उद्यमिता विभाग से जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने भर्ती में याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखने को कहा है। जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश हिमांशु मिश्रा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि विभाग ने 11 मार्च, 24 को कनिष्ठ अनुदेशक के पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता के साथ अभ्यर्थी के पास संबंधित ट्रेड में मान्यता प्राप्त संस्थान से वैतनिक अनुभव जरूरी रखा गया। विभाग की ओर से मेरिट के आधार पर भर्ती का परिणाम घोषित कर याचिकाकर्ता को परिणाम में पास कर दिया। वहीं बाद में उन्हें यह कहते हुए नियुक्ति से वंचित कर दिया कि उनके पास वैतनिक कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र नहीं है। इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को अनुभव अवधि के दौरान नकद भुगतान होता था और इसका रिकॉर्ड वेतन ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज है। इसके अलावा भर्ती में वैतनिक अनुभव की शर्त लगाना भी गलत है, क्योंकि सेवा नियमों में सिर्फ अनुभव होना ही पर्याप्त माना गया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति से वंचित करना गलत है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखने को कहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक