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कोलकाता, 22 अक्टूबर (हि.स.) । भाजपा ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पिछले 14 वर्षों में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के सरकारी संस्थानों को ‘पार्टी नियंत्रित तंत्र’ में बदल दिया है।
भाजपा आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “ममता बनर्जी ने बीते 14 वर्षों में स्थायी कर्मियों की नियुक्ति से जानबूझकर परहेज किया है और राज्य के हर संस्थान को अपने वफादारों के जरिए पार्टी नियंत्रित ढांचे में बदल दिया है।”
मालवीय ने यह टिप्पणी हाल ही में हावड़ा जिले के उलुबेरिया शरतचंद्र चटर्जी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला जूनियर डॉक्टर पर कथित हमले की घटना पर की। आरोप है कि ट्रैफिक होमगार्ड शेख बाबुलाल नामक आरोपित ने डॉक्टर के साथ बदसलूकी की और बलात्कार की धमकी भी दी। बताया जा रहा है कि आरोपित तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ है।
भाजपा नेता ने इस घटना की तुलना पिछले वर्ष अगस्त में आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के मामले से की। उस मामले में दोषी संजय राय कोलकाता पुलिस का सिविक वॉलंटियर था, जो एक प्रकार से होमगार्ड की तरह की जिम्मेदारी निभाता था।
अमित मालवीय ने कहा, “राज्य के सिविक वॉलंटियर और होमगार्ड अब तृणमूल कांग्रेस के यूनिफॉर्मधारी कार्यकर्ता बन चुके हैं। वे गैरजवाबदेह, घमंडी और बेलगाम हैं।” उन्होंने आरोपित बाबुलाल को ‘स्थानीय तृणमूल दबंग’ बताया, जिसे पुलिस ने तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया है।
वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी सोशल मीडिया पर कहा कि ऐसे अपराध इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि अपराधियों को सत्तारूढ़ पार्टी से संरक्षण मिलने का भरोसा रहता है। उन्होंने कहा, “ये असभ्य और अमानवीय लोग अब उन डॉक्टरों को भी नहीं छोड़ रहे जो दिन-रात बीमारों की सेवा करते हैं। यह मानवता के लिए सबसे बड़ा अपमान है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब इस कुर्सी पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उनके शासन में महिलाओं—माताओं, बहनों और बेटियों—का सम्मान पूरी तरह खत्म हो गया है।”
अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने आर. जी. कर मामले की तरह ही इस बार भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया है और न ही इस्तीफा देने की इच्छा दिखाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर