इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य से छेडछाड का अंदेशा नहीं, हाईकोर्ट ने छह करोड की जीएसटी चोरी के आरोपी को दी जमानत
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जयपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने छह करोड रुपए से अधिक की जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी प्रेम कुमार को जमानत पर रिहा करने के आदेश हैं। जस्टिस चन्द्र प्रकाश श्रीमाली की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि मामले में आरोपी के खिलाफ पेश आरोप पत्र की सुनवाई में समय लगने की संभावना है। वहीं मामले में अभियोजन साक्ष्य हैं, वह इलेक्ट्रॉनिक प्रकृति है और उनके साथ छेडछाड का अंदेशा नहीं है। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ पहले से कोई भी आपराधिक प्रकरण लंबित नहीं है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

जमानत याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की कंपनी मैसर्स केशव सीमेंट एजेंसी ने 28 फीसदी जीएसटी अदा कर सीमेंट कंपनी से सीमेंट खरीदी थी। उस पर आरोप है कि उसने बिना माल भेजे केवल इनवॉइस के आधार पर छह करोड रुपए से अधिक की टैक्स चोरी की है। याचिका में कहा गया कि मामले में जिन दो कंपनियों को बिल जारी किए गए, उसके आधार पर दोनों कंपनियों ने टैक्स अदा कर दिया। वहीं यदि याचिकाकर्ता के खिलाफ टैक्स चोरी का मामला बनता है तो वह पांच करोड़ रुपए से अधिक का नहीं हो सकता और पांच करोड़ रुपए तक का आरोप जमानती अपराध की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद भी विभाग ने संपूर्ण बिलों की राशि को जीएसटी की राशि जोड़कर छह करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी का बनाकर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर लिया। जमानत याचिका का विरोध करते हुए जीएसटी विभाग की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता ने बिना माल भेजे फर्जी इनवॉइस के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट पास ऑन करके गैर कानूनी लाभ उठाया है। वहीं उसकी फर्म को करीब साढ़े छह करोड़ रुपए की टैक्स क्रेडिट ट्रांसफर हुई है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक