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बड़वानी, 22 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के ग्राम सजवानी में बीते तीन दिन में 50 से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित हैं। कुछ का सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चल रहा है तो कुछ गांव में ही इलाज करा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि दूषित पानी पीने के कारण यह स्थिति बनी है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में नल-जल योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन गंदगी के बीच से गुजर रही है। नालियों का गंदा पानी इसमें मिल रहा है। पानी के चेंबरों में भी गंदगी जमा है, जिससे पानी दूषित हो गया है। सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन बीमार लोगों के लिए कोई शिविर नहीं लगाया गया। ग्रामीण स्वयं ही अस्पताल पहुंच रहे हैं।
ग्रामीणों ने स्थानीय सरपंच, सचिव और जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की। उनका आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी। विनोद सेप्टा और धन्नीलाल सोलंकी ने बताया कि दूषित पानी को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें की गई थीं और सरपंच को भी कई बार बताया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
लगातार शिकायतों के बाद जनपद पंचायत सीईओ मोतीलाल काग और पीएचई के अधिकारी सोमवार को गांव पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों ने केवल औपचारिकता निभाई और वापस लौट गए। ग्रामीणों ने अधिकारियों से पेयजल संसाधनों और पानी की टंकियों की सफाई सुनिश्चित करने तथा स्वच्छ पानी की आपूर्ति बहाल करने की मांग की है।
बड़वानी की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि बुधवार को ग्राम सजवानी के उल्टी-दस्त प्रभावित घरों की भ्रमण कर आवश्यक चिकित्सकीय इलाज किया गया। भ्रमण के दौरान 42 सामान्य दस्त के मरीज पाये गये। कोई भी व्यक्ति गंभीर स्थिति में नहीं पाया गया। मोहल्ले की कुल जनसंख्या 980 के 208 घरों का सर्वे किया गया। जिला एवं ब्लॉक स्तरीय रेपिड रिस्पांस टीम के 14 सदस्यों द्वारा सजवानी के सिंर्वी मोहल्ले में घर-घर जाकर प्रभावित 42 व्यक्तियों का चिकित्सकीय उपचार किया गया। प्रभावित क्षेत्र से पानी के सेम्पल लेकर जांच हेतु इन्दौर भेजे गये हैं, साथ ही वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पदस्थ सीएचओ, एएनएम को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर