सिद्धारमैया ने थपथपाई खुद की पीठ, बोले -कर्नाटक में लगा पुलिस बर्बरता पर अंकुश
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बैंगलोर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुद अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की गरिमा, विकास और प्रगति में बाधा बन रही असंवैधानिक और अनैतिक पुलिस बर्बरता पर राज्य में अंकुश लग गया है। इसका श्रेय पुलिस विभाग को जाना चाहिए।

बेंगलुरु में पुलिस स्मृति दिवस समारोह में मंगलवार को उन्होंने शहीद पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा शांति और व्यवस्था बनाए रखने से ही राज्य का विकास संभव होगा। यह अच्छी बात है कि पुलिस बर्बरता पर अंकुश लगा है। इसी तरह नशीली दवाओं की समस्या पर भी अंकुश लगा है, जिसका और अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय पुलिस विभाग को जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य में अनुसूचित जातियों पर अत्याचार रोकने के लिए डीसीआरई पुलिस थाने क्रियाशील किए गए हैं। संवैधानिक अधिकारों और मूल्यों की रक्षा के लिए उन्हें प्रभावी ढंग से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में देश भर में 191 लोग, जिनमें राज्य के 8 लोग भी शामिल हैं, कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर शहीद हुए हैं। उनके बलिदान और निस्वार्थता की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती। उन्हें याद करना और श्रद्धांजलि देना हम सभी का कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मी सबसे आगे हैं। सांप्रदायिक और बुरी ताकतों को कुचलने में आपकी भूमिका बहुत बड़ी है। सिद्धारमैया ने कहा कि संविधान में लोगों को दिए गए अधिकारों की रक्षा करना भी पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश महादेवप्पा