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रायगढ़, 21 अक्टूबर (हि.स.)। तमनार वन परिक्षेत्र में जंगली हाथी की करंट लगने से हुई मौत के प्रकरण में वन विभाग ने तत्परता दिखाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने इस मामले में आज मंगलवार को तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य का पति भी शामिल है। गिरफ्तारी की कार्रवाई वन परिक्षेत्र अधिकारी विक्रांत कुमार के नेतृत्व में की गई।
ज्ञात हो कि 20 अक्टूबर 2025 को तमनार वन परिक्षेत्र के केराखोल गांव के समीप एक सात वर्षीय जंगली हाथी की मौत करंट की चपेट में आने से हो गई थी। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया कि खेत की मेड़ पर जंगली सूअर के शिकार के लिए बिजली का तार बिछाया गया था, जिससे अनजाने में हाथी की जान चली गई।
वन विभाग की टीम ने घटनास्थल से विद्युत तार, खंभे एवं अन्य उपकरण जब्त किए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसने लगातार खोजबीन व पूछताछ के बाद आरोपितों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपितों में बसंत राठिया निवासी केराखोल, वीर सिंह मांझी, रामनाथ राठिया, निवासी औराईमुड़ा का नाम शामिल है। वन परिक्षेत्र अधिकारी विक्रांत कुमार ने बताया कि, मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में विशेष निगरानी बढ़ा दी गई थी। तकनीकी साक्ष्यों और ग्रामीणों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
वन विभाग ने आरोपितों के विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीनों आरोपितों को आज मंगलवार को ही न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां से आगे की कानूनी प्रक्रिया तय होगी।
वन विभाग अब इस दिशा में भी जांच कर रहा है कि कहीं इस अवैध करंट फंदे के सिलसिले में अन्य लोग भी संलिप्त तो नहीं हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मानव की लापरवाही और लालच की कीमत कब तक वन्यजीवों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान