‘पराली समस्या नहीं, प्रकृति का उपहार व कमाई का साधन’ ग्रामीणों को किया जागरूक
फतेहाबाद। गांव अयाल्की में ग्रामीणों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करते विद्यार्थी।


फतेहाबाद, 21 अक्टूबर (हि.स.)। पराली न जलाने को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनोहर मेमोरियल शिक्षण संस्थान फतेहाबाद के पर्यावरण स्थिरता प्रबंधन प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रीय सेवा संघ, जिला प्रशासन व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से मंगलवार को अयाल्की में विशेष अभियान चलाया गया। ‘पराली समस्या नहीं, प्रकृति का उपहार एवं कमाई का साधन है’ पर विद्यार्थियों द्वारा गांव अयाल्की में एक लघु नाटक का आयोजन किया गया। इस नाटक का उद्देश्य लोगों को यह समझाना रहा कि पराली जलाना समस्या का समाधान नहीं, बल्कि एक नई समस्या की शुरुआत है। हम सबका कर्तव्य है कि अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखें। अगर हम सब मिलकर कदम उठाएं, तो न केवल अपने गांव बल्कि पूरे देश को प्रदूषण से बचा सकते हैं, इसलिए हमें समझदारी दिखानी होगी। इस लघु नाटिका के माध्यम से विद्यार्थियों ने बताया कि पराली जलाना आज एक बड़ी समस्या बन गया है। जब हम पराली जलाते हैं, तो उससे निकलने वाला धुआं हवा को जहरीला बना देता है। यही धुआँ हमारे बच्चों के फेफड़ों में जाता है और उन्हें खांसी, दमा और एलर्जी जैसी बीमारियां देता है। सिर्फ इतना ही नहीं, पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है, बारिश का चक्र बिगड़ता है, और भविष्य की खेती कमजोर हो जाती है। विद्यार्थियों ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि अगर आज हम यह नहीं रोकेंगे, तो कल हमारे बच्चों को शुद्ध हवा, साफ पानी और अच्छा भोजन नहीं मिलेगा, इसलिए हम सब मिलकर प्रतिज्ञा लें कि पराली नहीं जलाएंगे, बल्कि उसका सही उपयोग करेंगे। यही हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य की असली गारंटी है। ‘ना पराली जलाएंगे, ना जलाने देंगे, पर्यावरण को स्वच्छ और हरित बनाएंगे, के नारों के बीच कार्यक्रम का समापन हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा