वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना से चिरकाल तक प्रेरणा देते रहेंगे शहीद पुलिस जवान : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम


भोपाल के लाल परेड ग्राउंड शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम


भोपाल के लाल परेड ग्राउंड शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम


भोपाल के लाल परेड ग्राउंड शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम


- मुख्‍यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिस जवानों को अर्पित की, कहा-सरकार, पुलिस प्रशासन और सम्पूर्ण समाज शहीदों के परिजन के साथ

भोपाल, 21 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीर पुलिस जवानों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि यह दिवस प्रत्येक वर्दीधारी के लिए प्रेरणा का पुंज है। वर्ष 1959 की वह ठंडी सुबह आज भी हमारे मन में गहराई से अंकित है। लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में हमारे 10 वीर पुलिस जवानों ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनके बलिदान के उपरांत ही भारत में पुलिस स्मृति दिवस मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई।

उन्‍होंने कहा, हमारे वीर जवानों ने वर्ष 1959 में जिस अदम्य साहस के साथ चीन की हरकतों का सामना किया, वह 10 हजार जवानों के साहस के बराबर था। “हमारे लिए यह दिवस एक पर्व की तरह है, क्योंकि अपने कर्तव्य की बेदी पर प्राणों का उत्सर्ग, हमारे जवानों का सौभाग्य और हमारे लिए प्रेरणा है।” जो अपने कर्तव्य की वेदी पर प्राणों की आहुति देता है, वह वास्तव में अमर है। यह शहादत हमें समर्पित भाव से ड्यूटी की प्रेरणा देती है और सरकार के दृष्टिकोण से यह गर्व का विषय है कि हमारे जवान कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण से सदैव अपने साथियों को प्रेरणा देते रहे हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस परेड 2025 के अवसर पर भोपाल के लाल परेड ग्राउंड शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम का संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनके त्याग और बलिदान ने हमारी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की है। वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भावना से वे सदैव हमारी स्मृतियों में रहेंगे। उन्होंने बाबा महाकाल से प्रदेश की समृद्धि और सुरक्षा की कामना करते हुए पुलिसकर्मियों से अपने कर्तव्य पथ पर समपर्ण और निष्ठा के भाव से निरंतर अग्रसर रहने का आहवान किया।

पुलिस के कारण ही अपराधियों के हौसले पस्त हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश को शांति का टापू कहा जाता है। इसका श्रेय प्रदेश पुलिस की सतर्कता, अनुशासन और समर्पण को जाता है। हमारे पुलिसकर्मी प्रदेश में नक्सलवाद, माफिया, साइबर अपराध के नियंत्रण और महिला सुरक्षा, तकनीकी नवाचार तथा जन-जागरूकता अभियानों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यह गर्व का विषय है कि पुलिस के कारण ही अपराधियों के हौसले पस्त हैं और हम सुशासन की ओर अग्रसर हैं।

उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि बीते वर्ष डेढ़ करोड़ के इनामी 10 नक्सलवादियों का खातमा, जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों की गिरफ्तारी और आतंकवादियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई पुलिस के पराक्रम के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2026 तक नक्सलवाद उन्मूलन के लक्ष्य को पुलिस की क्षमता-योग्यता के आधार पर ही प्राप्त करेंगे।

मुख्यमंत्री ने बालाघाट जिले में पुलिस द्वारा शुरू किए गए एकल सुविधा केंद्र की सराहना करते हुए कहा कि इससे जनसामान्य में सुरक्षा और विकास का माहौल सुदृढ़ हुआ है। उन्होंने अवैध हथियारों के निर्माण, संग्रहण और तस्करी के विरुद्ध पुलिस की सघन कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने ‘सृजन’ कार्यक्रम के तहत बाल संरक्षण, आत्मरक्षा और सशक्तिकरण को नई परिभाषा देने के लिए पुलिस का उत्साहवर्धन किया।

उन्होंने कहा कि पुलिस के साथी झुग्गियों में किशोर-किशोरियों को गुड टच-बैड टच, यौन हिंसा की रोकथाम, बाल अधिकार, पोषण, स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर प्रशिक्षण देकर कम्युनिटी पुलिसिंग की मिसाल पेश कर रहे हैं। डिजिटल युग में साइबर अपराध बड़ी चुनौती है। राज्य की साइबर सेल, फॉरेंसिक, डाटा एनालिटिक्स और जीपीएस तकनीक से त्वरित कार्रवाई कर रही है। “सेफ क्लिक-सुरक्षित जीवन” अभियान ने घर-घर में जागरूकता बढ़ाई है, वहीं “नशे से दूरी है जरूरी” अभियान का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ा है।

नए आपराधिक कानूनों में शत-प्रतिशत सफलता के लिए प्रदेश पुलिस बधाई की पात्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सीसीटीएनएस सिस्टम के माध्यम से सभी थानों को ऑनलाइन जोड़ा गया है, जिससे इंटीग्रेटेड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के जरिए पुलिस, न्यायालय, अभियोजन और फॉरेंसिक विभाग डिजिटल रूप से एकीकृत हुए हैं। इससे जांच और सुनवाई की गति में पारदर्शिता और तेजी आई है। उन्होंने कहा कि मिशन कर्मयोगी के तहत पुलिस ने कौशल विकास, डिजिटल लर्निंग और नेतृत्व विकास में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है। जुलाई-2024 से लागू नए आपराधिक कानूनों में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त करने के लिए भी उन्होंने पुलिस को बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने की इंदौर के पुलिस जवान के त्वरित एक्शन की सराहना

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई संकट आता है, जनता को सबसे पहले पुलिस याद आती है। चाहे डायल 100 हो या 112, पुलिस हर परिस्थिति में जनता का सहारा है। उन्होंने इंदौर में घटित एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां पुलिस जवान ने विधायक मधु वर्मा की जान बचाने में त्वरित रूप से सीपीआर देकर जिस संवेदनशीलता, त्वरित निर्णय और एक्शन में आने का परिचय दिया, वह पूरे पुलिस बल के लिए गर्व का विषय है।

उन्होंने कहा कि सरकार सदैव पुलिसकर्मियों के साथ है। यदि हमारे बीच कोई शहीद होता है, तो सरकार उसके परिवार के साथ खड़ी दिखाई देती है, इस परंपरा को निभाते हुए शहीद पुलिसकर्मी के परिजनों को 1 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता देने की नीति लागू की गई है। यह राशि केवल सहायता नहीं, बल्कि हमारे जवानों के मनोबल को बढ़ाने का प्रतीक है।

इस दौरान पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा का भी उद्बोधन हुआ। वहीं, कार्यक्रम के दौरान पुलिस बैंड द्वारा देशभक्ति की धुन पर सभी वरिष्ठ अधिकारियों एवं सेवानिवृत्‍त पुलिस अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर