Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 21 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में काली पूजा और दीपावली पर पटाखों की गूंज तथा धुएं के बीच मंगलवार सुबह राजधानी कोलकाता के कुछ इलाकों की वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गयी। वहीं, विक्टोरिया क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गयी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह नौ बजे तक कोलकाता के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता “सहन योग्य” श्रेणी में रही, लेकिन विक्टोरिया मेमोरियल के आसपास की हवा “खराब” पाई गई। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 239 दर्ज किया गया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पुलिस की ओर से केवल ‘ग्रीन पटाखे’ जलाने की अनुमति दी गई थी। समय सीमा भी तय की गई थी, लेकिन कई इलाकों में नियमों का उल्लंघन हुआ। परिणामस्वरूप, काली पूजा की रात हवा में बारूद और धुएं की मात्रा बढ़ गई।
सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार सुबह बालीगंज का एक्यूआई 167, बिधाननगर का 165, फोर्ट विलियम का 143, जादवपुर का 200, रविंद्र भारती विश्वविद्यालय का 135 और रविंद्र सरोवर का एक्यूआई 142 दर्ज किया गया, ये सभी “सहन योग्य” श्रेणी में हैं, जबकि विक्टोरिया मेमोरियल के आसपास का क्षेत्र “खराब” श्रेणी में रहा।
हावड़ा में भी स्थिति चिंताजनक रही। बेलूर मठ में एक्यूआई 206 और पद्मपुकुर में 241 दर्ज किया गया, जो “खराब” श्रेणी में हैं, जबकि बोटैनिकल गार्डन में 185 , दासनगर में 152 और घुसुड़ी में वायु गुणवत्ता 92 रही, जो “सहन योग्य” है।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि दिल्ली की तुलना में कोलकाता और हावड़ा की स्थिति फिलहाल बेहतर है, लेकिन इसे सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता ने कहा कि लोग अब भी जागरूक नहीं हैं। कोलकाता की हवा दिल्ली से बेहतर जरूर है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं। साथ ही ध्वनि प्रदूषण को भी ध्यान में रखना होगा।
उल्लेखनीय है कि दीपावली और काली पूजा की रात नियमों के उल्लंघन करने वाले 183 लोगों को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया और 852 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए। पुलिस के अनुसार, पिछले दस दिनों में कुल 8,422 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे ज़ब्त किए गए हैं।
-----
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर