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सरायकेला-सखरसांवा, 21 अक्टूबर (हि.स.)। झारखंड लोक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ तिरुलडीह गोलीकांड में मारे गए धनंजय महतो और अजीत महतो की प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। खरसावां स्थित घटनास्थल पहुंच कर उन्होंने दोनों के शहादत दिवस पर नमन भी किया।
देवेंद्रनाथ महतो ने इस अवसर पर धनंजय महतो और अजीत महतो का नाम झारखंड आंदोलनकारियों के शहीदों के सूची में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 43 वर्ष पूर्व 21 अक्टूबर 1982 को ज़ब झारखंड अलग राज्य का आंदोलन और कोल्हान में जंगल बचाओ आंदोलन चरम पर था। तब चांडिल, नीमडीह और ईचागढ़ प्रखंड को अकालग्रस्त घोषित करने और अन्य मांगों को लेकर इचागढ़ के तिरुलडीह अंचल के समक्ष कई छात्र और अन्य लोग शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। उसी समय पुलिस की ओर से बिना चेतावनी के छात्रों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई, जिसमें चांडिल कॉलेज के छात्र धनंजय महतो और अजीत महतो की मौत हो गई थी।
उन्होंने बताया कि दोनों भाइयों की याद में प्रतिवर्ष यहां पुण्यतिथि मनाई जाती है, लेकिन अबतक दोनों को आधिकारिक रूप से शहिद का दर्जा नहीं मिलना राज्य सरकार की उदासीनता को प्रदर्शित करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar