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बलरामपुर, 21 अक्टूबर (हि.स.)। एक सप्ताह पहले कन्हर नदी में मछली पकड़ने के दौरान डूबकर रामानुजगंज निवासी काशी भुइयां की मौत हो जाने के बावजूद लोगों ने सबक नहीं लिया है। जिले के सरहदी क्षेत्र से होकर बहने वाली यह नदी इन दिनों खतरे के निशान पर बह रही है, लेकिन फिर भी मछुआरे अपनी जान की परवाह किए बिना मछली पकड़ने में जुटे हुए हैं।
28 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे लोक आस्था के महापर्व छठ को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विभाग ने एनीकट के सभी गेट खोल दिए हैं। इसके चलते नदी का जलस्तर बढ़ गया है और प्रवाह तेज हो गया है। पानी की गति इतनी तेज है कि जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है, फिर भी कई ग्रामीण प्रशासनिक चेतावनियों को नजरअंदाज कर नदी में उतर रहे हैं।
जोखिम भरा जुनून, प्रशासन की चिंता बढ़ी
प्रशासन द्वारा लगातार हिदायतें दी जा रही हैं कि लोग नदी के तेज बहाव के दौरान मछली पकड़ने या नहाने जैसी गतिविधियों से दूर रहें। इसके बावजूद कुछ लोग लापरवाही दिखा रहे हैं, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि, काशी भुइयां की मौत एक चेतावनी थी, लेकिन लगता है लोगों ने उस दर्दनाक हादसे से कोई सबक नहीं लिया। तेज बहाव वाली कन्हर नदी अब भी खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में ज़रूरी है कि लोग अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें, वरना अगली त्रासदी बस वक्त का इंतज़ार कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय