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चेन्नई, 21 अक्टूबर (हि.स.)। तमिलनाडु की राजधानी और देश के महानगरों में से एक चेन्नई में दीपावली के मौके पर जमकर आतिशबाजी हुई है। लोगों ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए इतने पटाखे फोड़ डाले कि चेन्नई नगर निगम को पटाखों के कचरे को हटाने के काम में 6 हज़ार से ज़्यादा सफ़ाईकर्मियों को लगाना पड़ा।
चेन्नई निगम की ओर से बताया गया कि दीपावली के अवसर पर सोमवार को एक ही दिन में चेन्नई शहर में 60 मीट्रिक टन पटाखों का कचरा जमा हो गया और पटाखों के कचरे को हटाने के काम में 6 हज़ार से अधिक सफाईकर्मी कई घंटों तक लगे रहे।
दरअसल, चेन्नई नगर निगम ने लोगों को सलाह दी थी कि त्योहार के लिए पटाखे फोड़ते समय कुछ प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए। पटाखे इस तरह फोड़े जाने चाहिए, जिससे कि पर्यावरण प्रदूषित न हो। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद, चेन्नई नगर निगम की ओर से ये निर्देश भी दिए गए थे कि पटाखे सिर्फ सुबह में 6 बजे से 7 बजे के बीच (उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय) और शाम 7 बजे से 8 बजे के बीच ही फोड़े जाएं।
निगम की ओर से यह निर्देश भी दिया गया था कि पटाखे फोड़ने से निकलने वाले कचरे को कूड़ेदान में न फेंका जाए, बल्कि उसे अलग से इकट्ठा करके सफाई कर्मचारियों को सौंप दिया जाए। हालांकि, इन निर्देशों के बावजूद सोमवार को (दीपावली पर) ज़्यादातर लोगों ने तय समय से ज़्यादा पटाखे फोड़ दिए, जिनके कचरे को हटाने के लिए छह हजार से अधिक सफाईकर्मियों को काम पर एक साथ जुटना पड़ा।
इस बीच चेन्नई पुलिस की ओर से बताया गया कि प्रदूषण पर लगाम लगाने और किसी भी तरह की अन्य अप्रिय घटना पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने भी कमर कस रखी थी। शाम के समय से ही पूरे शहर में पुलिस ने गस्त बढ़ा दी थी। अकेले चेन्नई में तय समय से ज़्यादा पटाखे फोड़ने के 319 मामले भी दर्ज किए गए हैं। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV