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नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने गुजरात और हरियाणा में ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान मंगलवार को पंद्रहवें वित्त आयोग (एक्सवी एफसी) के अनुदान जारी किए हैं।
गुजरात में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 522.20 करोड़ रुपये की असंबद्ध अनुदान की दूसरी किस्त राज्य की सभी 38 जिला पंचायतों, 247 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 14,547 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए जारी की गई है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुक्त (अनटाइड) अनुदान की पहली किस्त के रोके गए हिस्से के 13.5989 करोड़ रुपये अतिरिक्त पात्र 6 जिला पंचायतों, 5 ब्लॉक पंचायतों और 78 ग्राम पंचायतों को भी जारी कर दिए गए हैं। जबकि हरियाणा के लिए केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुक्त अनुदान की 195.129 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है, जो राज्य की 18 जिला पंचायतों, 134 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 6,164 ग्राम पंचायतों के लिए है।
पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से राज्यों को पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए एक्सवी- एफसी अनुदान जारी करने की सिफारिश की, जिन्हें बाद में वित्त मंत्रालय जारी करता है।
आवंटित अनुदानों की सिफारिश की जाती है और एक वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी किया जाता है। वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए मुक्त अनुदानों का उपयोग किया जाएगा। बद्ध (टाइड) अनुदानों का उपयोग (क) स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है और इसमें घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, विशेष रूप से मानव मल और मल प्रबंधन और (ख) पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण शामिल होना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी