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भोपाल, 21 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली के पर्व पर मध्य प्रदेश की महिलाओं के लिए खुशखबरी लेकर आई है लाड़ली बहना योजना। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने वादे के अनुसार इस बार से योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह की बढ़ी हुई राशि देना शुरू करने जा रहे हैं। दीपों के त्योहार पर प्रदेश की करोड़ों बहनों के खातों में 1250 रुपे पहुंच चुके हैं, जबकि शेष 250 रुपये 23 अक्टूबर को भाईदूज के अवसर पर भेजे जाएंगे।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। लाड़ली बहना योजना भी आर्थिक सहायता का माध्यम है, यह महिला सम्मान, आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस महीने की राशि दो भागों में दी जा रही है। पहला भाग 1250 रुपये दीपावली से पहले दिया जा चुका है, जबकि दूसरा भाग 250 रुपये भाईदूज के दिन यानी 23 अक्टूबर को बहनों के खातों में जमा किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नवंबर से बहनों को अब एक साथ पूरे 1500 रुपए की राशि दी जाएगी। यानी अब अगली किस्त से प्रदेश की बहनों को हर महीने बढ़ी हुई राशि मिलेगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जुलाई 2024 में ऐलान किया था कि सरकार जल्द ही लाड़ली बहना योजना की राशि को बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर के जैसीनगर में लाड़ली बहनों को लेकर 26 सितम्बर को बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि कांग्रेसी बड़ी बेशर्मी से बोलते हैं कि लाड़ली बहनों को पैसे मत दो दारू पीती हैं। उन्हें शर्म आना चाहिए और उनको बहनों से माफी मांगना चाहिए। अब कांग्रेसी कुछ भी कहें, लेकिन इस दीपावली के बाद भाई दूज से लाड़ली बहनों को 1500 रुपये मिलना शुरू होंगे।
अब दीपावली के मौके पर उन्होंने यह वादा पूरा कर दिखाया। सीएम ने कहा कि “यह योजना प्रदेश की माताओं और बहनों के जीवन में आर्थिक सुरक्षा और आत्मसम्मान का प्रकाश फैलाने का माध्यम बनेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का लक्ष्य 2028 में होने वाले सिंहस्थ तक इस राशि को 3000 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने का है। यह कदम धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ मिल सके।
1.26 करोड़ बहनों के जीवन में खुशहाली
मध्य प्रदेश में इस योजना का लाभ फिलहाल 1 करोड़ 26 लाख से अधिक महिलाओं को मिल रहा है। योजना की शुरुआत से ही सरकार का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना रहा है। अब बढ़ी हुई राशि के साथ यह सहायता ग्रामीण और शहरी दोनों ही वर्ग की महिलाओं के जीवन में एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भर रही है। इस संबंध में महिलाओं का कहना है कि यह राशि उनके घर की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है, बच्चों की पढ़ाई, घर की राशन सामग्री, और जरूरी खर्चों में यह सहयोग एक बड़ी राहत है।
लाड़ली बहना योजना ने न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक अहम पहल साबित हो रही है। प्रदेश के कई जिलों में इस योजना से प्रेरित होकर महिलाएं स्वरोजगार और छोटे व्यवसाय शुरू कर रही हैं। सरकार ने इन महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और बैंक लोन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी