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लंदन, 21 अक्टूबर (हि.स.)। ब्रिटेन ने हिन्द महासागर में मॉरीशस को साैंपे जाने वाले चागोस द्वीप समूह के 'पेराेस बानहोस' को चीन द्वारा खरीद कर दियागो गार्सिया के समीप ' सैन्य अड्डा' बनाये जाने की कोशिश की रिपोर्टों को निराधार एवं 'बकवास' करार दिया है।
विदेश कार्यालय में राज्य मंत्री स्टीफन डौटी ने ब्रिटिश संसद के निचले सदन 'हाउस आफ कामन्स' में इस आशय के प्रस्ताव पर सोमवार को हुई तीखी बहस में कहा कि यह कहना कि मॉरीशस चागोस द्वीप समूह को लेकर चीन के साथ गुप्त बातचीत कर रहा है, पूरी तरह बकवास है।
डौटी ने संसद में बताया कि ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र (बीआईओटी) को सौंपने की संधि के तहत, विदेशी सेनाओं को इस द्वीपसमूह में अड्डे बनाने से प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि मई में सरकार द्वारा हस्ताक्षरित चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को सौंपे जाने संबंधी इस समझौते के तहत, ब्रिटेन, डिएगो गार्सिया स्थित ब्रिटिश-अमेरिकी सैन्य अड्डे पर कम से कम 99 वर्षों तक नियंत्रण बनाए रखेगा, जिसकी औसत वार्षिक लागत 10.1 करोड़ पाउंड होगी। यह संधि बाहरी द्वीपों की सुरक्षा की रक्षा करती है और विदेशी सेनाओं को उन पर अड्डे बनाने से स्पष्ट रूप से रोकती है।
डौटी ने कहा कि इस विधेयक में उक्त समझौते के कुछ हिस्सों को क़ानूनी रूप देने के लिये शामिल किया गया है, जिसमें ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र का विघटन भी शामिल है।
इस बीच सांसदों द्वारा डिएगो गार्सिया सैन्य अड्डा और ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र विधेयक पर बहस के दौरान, विपक्ष की ओर से विदेश मामलों की प्रभारी सांसद वेंडी मॉर्टन ने अड्डे की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
सुश्री मॉर्टन ने कहा, मंत्रियों द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है कि चागोस द्वीपसमूह में ऐसा कुछ भी नहीं हो सकता जिससे हमारे हितों को खतरा हो, जो पहले ही कमज़ोर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि मॉरीशस पहले से ही भारत के साथ द्वीपसमूह की सुरक्षा में अपनी भूमिका के बारे में बातचीत कर रहा है और फिर भी ब्रिटेन इस चर्चा में शामिल ही नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर ये बातचीत ब्रिटेन के बिना किसी मित्र देश के साथ हो रही है, तो कोई सोच ही सकता है कि चीन और रूस के साथ गुप्त रूप से क्या बातचीत हो रही है। ऐसी खबरें हैं कि चीन पेरोस बानहोस के लिए मॉरीशस के साथ पहले से ही बातचीत कर रहा है।”
सुश्री मॉर्टन ने कहा अगर कोई चर्चा हो रही है, तो यह मंत्रियों द्वारा इस सदन को दिए गए आश्वासनों को कमज़ोर करेगा और मॉरीशस की ओर से एक दुर्भावनापूर्ण कार्य होगा। उन्होंने कहा कि सरकार डिएगो गार्सिया और ब्रिटेन की सैन्य संपत्तियों के लिए चीन द्वारा उत्पन्न खतरों को गंभीरता से लेने में विफल हो रही है।
हालांकि इस पर हस्तक्षेप करते हुए डौटी ने कहा, “मैं इस बिंदु पर कहना चाहता हूँ कि यह बिल्कुल बकवास है और क्या वह इस बात का कोई सबूत देने को तैयार हैं कि ऐसा होने वाला है? यह संधि बाहरी द्वीपों की सुरक्षा की रक्षा करती है और विदेशी सेनाओं को उन पर अड्डे बनाने से स्पष्ट रूप से रोकती है।”
डौटी ने कहा कि कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसदों ने चीन, रूस और ईरान का मुद्दा उठाया है,अगर उनके द्वारा सुझाई गई किसी भी काल्पनिक चीज़ के घटित होने की कोई संभावना थी तो उन्हें क्यों लगता है कि अमेरिका, हमारा सबसे करीबी सुरक्षा सहयोगी, इस समझौते का समर्थन करेगा?
उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा, ऐसा कदापि नहीं हो सकता। संधि उन्हें ऐसा करने से रोकती है। लगता है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से इसे पढ़ा नहीं है।
इसके बाद रक्षा और खुफिया समितियों के पूर्व अध्यक्ष सर जूलियन लुईस और ईस्ट विल्टशायर के रिफ़ॉर्म सांसद डैनी क्रूगर ने भी चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को सौंपे जाने के समझौते का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि ब्रिटिश लेबर पार्टी की सरकार का चीन के साथ कोई गुप्त समझौता हो गया है।
इस पर श्री डौटी ने फिर कहा कि उन्हें इस तर्क पर गंभीर आपत्ति है। यदि ऐसा होता तो फिर अमेरिका, हमारे फ़ाइव आईज़ साझीदार या अन्य प्रमुख सहयोगी इस समझौते का समर्थन क्यों करते हैं? यह कोई गुप्त समझौता नहीं है। उन्होंने कहा, यह विधेयक हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करता है, यह डिएगो गार्सिया पर हमारे अड्डे को सुरक्षित रखता है।
मतदान के दाैरान यह विधेयक 171 के मुकाबले 320 वाेटाें से पारित हाे गया । अब यह हाउस आफ लाॅडर्स में जाएगा जहां इसके पारित हाेने पर साल के अंत तक द्वीप मारीशस काे साैंप दिए जांएगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल