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—भीड़ नियंत्रित करने के लिए समिति ने जारी किया पास,पांच हजार पास बांटे जाएंगे
वाराणसी,21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्योति पर्व दीपावली के बीतते ही लोक उपासना के महापर्व चार दिवसीय डाला छठ की तैयारी शुरू हो गई है। 25 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ शुरू हो रहे डाला छठ व्रत को देखते हुए बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका ) का सूर्य सरोवर तैयार है। बरेका छठ पूजा समिति महापर्व पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पांच हजार पास जारी करेंगी। एक पास पर पांच लोगों के प्रवेश की अनुमति होगी। सोमवार तक समिति ने 700 पास का वितरण कर दिया है। समिति के अध्यक्ष चंद्रेश्वर ओझा ने मंगलवार को बताया कि बरेका स्थित सूर्य सरोवर पर छठ पूजा के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। छठ पूजा के दौरान सूर्य सरोवर पर हर वर्ष काफी भीड़ होती है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पास का प्रबंध किया गया है। समिति ने आयोजन स्थल पर व्यापक साफ-सफाई की व्यवस्था की है। घाटों और सीढ़ियों की सफाई के साथ ही रंग-रोगन का कार्य भी हो रहा है। कुंड में पूरी तरह से पानी भरा जाएगा। सरोवर के चारों तरफ व्रती महिलाओं के लिए 22 चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं। सरोवर में प्रवेश के लिए तीन द्वार बनाये गए हैं। उन्होंने बताया कि आगामी 07 नवंबर को सरोवर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया है। जिसमें भक्तिमय माहौल के बीच भजनों का आनंद लिया जा सकेगा। रात्रि में 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ होगा। अगले दिन 8 नवंबर को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा।
— वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था तीन स्थानों पर
समिति के महामंत्री अजय कुमार ने बताया कि छठ पूजा में शामिल होने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था तीन स्थानों पर की जाएगी। श्रद्धालु अपने वाहनों को बरेका इंटर कॉलेज मैदान, बरेका पुलिस चौकी के सामने वाली कॉलोनी और बाल निकेतन स्कूल के पास पार्क कर सकेंगे। पार्किंग की इस व्यवस्था से यहां तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
विभिन्न संस्थाओं की तरफ से रातभर जगह-जगह निःशुल्क चाय के स्टाल भी लगाए जाएंगे। छठ पूजा 25 अक्टूबर 2025 को नहाय-खाय के साथ शुरू होगी। दूसरा दिन 26 अक्टूबर को खरना होगा। तीसरे दिन 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अंतिम दिन 28 अक्टूबर को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी