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इटानगर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के वेस्ट कामेंग जिला के
काम्बा में आज कानूनी प्रावधानों पर पहली
बार एक दिवसीय पुनश्चर्या कार्यशाला-सह जागरूकता कार्यक्रम में सफलतापूर्वक आयोजित
किया गया।
यह कार्यक्रम अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी), कम्बा के
कार्यालय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), आलो वेस्ट सियांग के सहयोग से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत कम्बा के एडीसी तामो रीबा के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला। मुख्य भाषण देते हुए, उन्होंने कम्बा उप-मंडल के गांवबूढ़ा और प्रमुख गांवबूढ़ा के लिए असम
सीमांत विनियमन (एएफआर) अधिनियम 1945,
एएफआर संशोधन अधिनियम 2023, अरुणाचल प्रदेश
सिविल न्यायालय अधिनियम 2021 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2024 के तहत आयोजित कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के महत्व पर बल दिया।
इस अवसर पर गोरिक कामदुक, संसाधन व्यक्ति ने एनडीपीएस
अधिनियम पर एक सत्र दिया, जिसमें धारा 46 - अपराधों से
संबंधित सामान्य प्रावधान, धारा 47 मादक पदार्थों की अवैध खेती, धारा 50 - मादक पदार्थों के विक्रेताओं पर आरोप लगाने से पहले पुलिस को सूचित करने की
प्रक्रिया और धारा 64 (ए) पुनर्वास केंद्रों और नशीली दवाओं की लत के मामलों से
संबंधित प्रावधान जैसी प्रमुख धाराओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अधिवक्ता कारकेन अंगू, ने पोक्सो अधिनियम 2019 पर बात की, 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों और संबंधित दंडात्मक
प्रावधानों पर विस्तार से बताया।
अधिवक्ता मार्फी एटे ने लोक अदालत की भूमिका पर चर्चा की और बताया कि संबंधित
कार्यालय में आवेदन जमा करने पर जनता को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती
है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्य, महिलाएं और बच्चे, विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी), भिखारी और हिरासत में लिए गए व्यक्ति निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते
हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी