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हकृवि में नवनिर्मित मधुमक्खी संग्रहालय का हुआ उद्घाटन
हिसार, 18 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का मधुमक्खी पालन संग्रहालय
शोधार्थियों और किसानों को मधुमक्खी पालन से संबंधित नवीनतम तकनीकों, उपकरणों एवं वैज्ञानिक
जानकारी देने में सहायक सिद्ध होगा।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने शनिवार काे कीट विज्ञान
अनुसंधान फार्म में नवनिर्मित मधुमक्खी पालन संग्रहालय का उद्घाटन करने के पश्चात शोधार्थियों
और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन न केवल कृषि
की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने में भी महत्वपूर्ण
भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि संग्रहालय से मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण और
अनुसंधान कार्यों को गति देने में भी मदद मिलेगी। मधुमक्खियां जैव विविधता बनाए रखने
और पर्यावरण संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी
संग्रहालय ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी मददगार साबित होगा।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बताया कि संग्रहालय शोधकर्ताओं और किसानों के
लिए मधुमक्खियां के जीवन चक्र प्रजातियां और परगना प्रक्रिया को समझने का उत्कृष्ट
माध्यम है। यहां पर आगंतुकों को मधुमक्खी पालन की तकनीक, उपकरण और आधुनिक तरीकों की
जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि यहां पर शोधार्थी और वैज्ञानिक मधुमक्खियां के व्यवहार,
रोग, उत्पादन और पर्यावरणीय प्रभाव पर गहराई से अध्ययन कर सकेंगे। संग्रहालय मधुमक्खी
पालन के महत्व और इसके बहुआयामी लाभों को सामने लाने के साथ- साथ कृषि शिक्षा और अनुसंधान
के क्षेत्र में सहायक सिद्ध होगा।
कीट विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता यादव ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत
करते हुए बताया कि किसानों के लिए कृषि कार्य के साथ-साथ मधुमक्खी पालन अतिरिक्त आय
का साधन है। मधुमक्खी पालन से किसान शहद, मॉम, रॉयल जेली तथा परागण का व्यवसाय करके
अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों
के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर