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जयपुर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने लॉटरी में आवंटित जमीन का कब्जा 32 साल बाद भी नहीं देने पर नगर निगम ग्रेटर और उसके जगतपुरा जोन पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही आयोग ने मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर 71 हजार रुपए अलग से देने को कहा है। वहीं गांधी विहार योजना, सांगानेर में संबंधित भूखंड का एक माह में कब्जा देने को कहा है। आयोग अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना, सदस्य अजय कुमार और सुप्रिया अग्रवाल ने यह आदेश रामगोपाल अग्रवाल के परिवाद पर दिए। आयोग ने कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि एक सरकारी विभाग से एक महत्वपूर्ण मूल फाइल गायब हो जाती है और उसके संबंध में किसी भी कर्मचारी या अफसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होती।
परिवाद में अधिवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि परिवादी को साल 1993 में नगर निगम ने गांधी विहार आवासीय योजना में 230 वर्ग मीटर का भूखंड आवंटित किया था। वहीं बाद में भूखंड का कब्जा नहीं सौंपने पर मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2023 में जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश किया गया। परिवाद में कहा गया कि पहले परिवादी को योजना में भूखंड संख्या 117 आवंटित होना बताया गया और बाद में आरटीआई से पता चला कि उसे भूखंड संख्या 118 आवंटित हुआ था। इस पर परिवादी ने भूखंड संख्या 118 आवंटित करने की गुहार की, लेकिन निगम ने आवंटन पत्र जारी नहीं किया। इसके बाद जब परिवादी ने आरटीआई में सूचना मांगी तो उसे जानकारी दी गई कि योजना के आवेदन पत्रों में परिवादी का आवेदन पत्र ही नहीं है। ऐसे में उसे भूखंड का कब्जा दिलाने सहित निगम पर हर्जाना लगाया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने नगर निगम को इस संबंध में आदेश जारी करते हुए उस पर हर्जाना लगाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक