धमतरी :धनतेरस पर बाजार चमका, लगी रही भीड़
आवाजाही से जाम की स्थिति बनती रही।


घरों के सामने दीप भी जलाए गए।


धमतरी, 18 अक्टूबर (हि.स.)।धनतेरस पर्व पर बाजार में जमकर रुपया बरसा। सराफा, कपड़ा, आटो मोबाइल, बर्तन दुकानों में देर शाम तक खरीदी होती रही। सराफा व्यवसाय में लगभग आठ करोड़ के बिजनेस का अनुमान है। शाम को घर, दुकान के सामने 13 दीये जलाकर धन के देवता कुबेर से सुख समृध्दि की कामना की गई।

पौराणिक मान्यता के चलते धनतेरस के दिन सोने-चांदी, पीतल, तांबा खरीदने से आयु तथा धान बढ़ता है। धनतेरस के दिन चांदी के सिक्के, पीतल, कांसे के बर्तन, वाहन खरीदने की इसी मान्यता के चलते लोगों ने खूब खरीददारी की। सराफा व्यवसायियों के अनुसार जिन लोगों ने पहले ही आभूषणों की बुकिंग करा रखी थी, वे शुभ समय पर आभूषण ले गए। शास्त्रों की मान्यता के चलते इस बार भी स्कूली छात्रों से लेकर बड़ों ने मां लक्ष्मी के चित्र वाले सिक्कों की खरीददारी की। बच्चों ने पांच ग्राम के सिक्कों की खरीददारी की। नेकलेस, सोने के कंगन, मंगलसूत्र, सोने की अंगूठी, सोने व चांदी के सिक्के खूब बिके। पांच महीने से सोने के भाव में उतार-चढ़ाव का सिलसिला चल रहा है। इसका असर व्यवसाय पर पड़ा है। सूपा-टोकरी की पूछ परख गोवर्धन पूजा की तैयारी के लिए लोग सूपा-टोकरी, तेंदू की लाठी, शकरकंद, कोचई, कुम्हड़ा, मोरपंख व अन्य त्योहारी सामान खरीदने व्यस्त दिखे।

ग्रामीण क्षेत्रों से खरीददारी करने पहुंचे लोगों की भीड़ सूपा, टोकरी बेचने वालों के पास ज्यादा दिखी। रामबगस कंडरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में परंपरा के अनुसार गायों को खिचड़ी खिलाई जाती है। मान्यता अनुसार नया सूपा व टोकरी में खिचड़ी बनाकर गायों को खिलाते हैं। इस खिचड़ी में शकरकंद, कोचई और कुम्हड़ा का खास महत्व है। इसी के चलते इन सामानों की कीमतें तीन दिनों के भीतर बढ़ गई है। पर्व की खुशियां एक-दूसरे से बांटने लोग मिठाई खरीदते हैं। बाजार में अंजीर बर्फी, काजू कतली के साथ गुलाब जामुन की मांग ज्यादा रही। बाजार में स्पेशल मिठाई के रूप में अंजीर की बर्फी, मेवा लड्डू को लोगों ने पसंद किया। पीतल, कांसा तथा तांबा के पात्र खूब बिके। एक अनुमान के मुताबिक धनतेरस में बर्तनों में। लगभग 21 लाख तक का व्यवसाय हुआ। इसी तरह आटो मोबाइल में भी लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक का बिजनेस हुआ। फूल-मालाएं, सिलयारी-सेमरी खरीदने भीड़ रही। जिन लोगों ने पहले से फूल- मालाओं का आर्डर दे रखा था, उनके लिए दिन भर फूलों की मालाएं बनाई गई। मकई चौक के पास भी कुछ लोग दिन विशेष की बिक्री को देखते हुए माला बेचते नजर आए। वहीं प्लास्टिक व झालर वाले मालाओं की बिक्री भी खूब हुई। मालूम हो कि लोग वाहन तथा देवी-देवताओं के पोस्टर पर माला लगाने के लिए इसे खरीदकर ले जाते हैं। बाजार में पिछले साल की तरह छोटी मालाओं की कीमत 10 रुपये तथा बड़े मालाओं की कीमत 30 से 40 रुपये रही। गोवर्धन पूजन के लिए सिलयारी के फूल व सेमरी की बिक्री भी हुई।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा