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लखनऊ,18 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने लखनऊ के सन्त सांई चांडूराम साहिब के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है। सन्त चांडूराम साहिब का विगत 15 अक्टूबर को निधन हो गया था।
सरकार्यवाह ने अपने शोक संदेश में कहा कि, पूज्य सन्त सांई चांडूराम साहिब को अपने पिता सन्त साईं आसूदाराम साहिब के सत्यलोक सिधारने के पश्चात मात्र तेरह वर्ष की अल्पायु में ही गुरु गद्दी संभालनी पड़ी। आरम्भ से ही वेदान्त में रुचि रखने वाले सन्त चांडूराम साहिब ने किशोरावस्था में ‘गुरुवाणी, श्रीमद्भागवतगीता, रामचरितमानस इत्यादि ग्रन्थों का गहन अध्ययन, मनन व चिन्तन किया। उन्होंने अनेक तर्कसंगत जिज्ञासुओं व वरिष्ठ सन्त-ज्ञानियों से गुरु समान सम्मान भी पाया। जिज्ञासुओं के समाधान के साथ ही वे इस निश्चय पर पहुंचे कि एक सच्चे ईश्वर-जिज्ञासु के लिए एक मात्र गुरुकृपा ही सर्वोपरि साधन है, शेष सभी साधन गौण हैं — 'गुरु बिनु भवनिधि तरहिं न कोई, जो विरंचि शंकर सम होई'।
सन्त सांई चांडूराम साहिब ने ऐसा निश्चयपूर्वक जानकर ईश्वर के प्रति अपना पूर्ण आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने अपने अहमत्व का दावा त्यागकर स्वयं को अपने सद्गुरु एवं ईश्वर को समर्पित कर दिया। समाज में फैली बुराइयों और रूढ़ियों का कठोर शब्दों में खण्डन किया और समाज सुधार के लिए सदैव तत्पर रहे। वे एक वृहत् समाज को सदैव अपने सात्विक मार्गदर्शन से प्रेरित करते रहे। उनके दिव्य लोक गमन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ऐसे महान सन्त अपने स्वरूप में एकाकार हो जाते हैं। उनका जीवन हमें सदैव प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन