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गोरखपुर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 75 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्पेस म्यूजियम बनाया जाएगा। यह म्यूजियम गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव आवास के पास 2.50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। परियोजना का उद्देश्य छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतरिक्ष, भूविज्ञान और पारिस्थितिकी से जुड़ी जानकारियों को आधुनिक और रोचक तरीके से उपलब्ध कराना है।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के निर्देश पर म्यूजियम के निर्माण की जिम्मेदारी यूपी जल निगम की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (C&Ds) यूनिट-19 को दी गई है। परियोजना के वित्तीय ढांचे के अनुसार 75 प्रतिशत राशि स्मार्ट सिटी परियोजना, 15 प्रतिशत नगर निगम और 10 प्रतिशत चयनित फर्म से प्राप्त होगी।
म्यूजियम में ज्वालामुखी, उल्कापिंड, चुंबकीय क्षेत्र जैसी घटनाओं को इंटरएक्टिव और वैज्ञानिक तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा। यहां एंटार्कटिका की चट्टानें, हिमालयी जीवाश्म, डायनासोर अंडे और ज्वालामुखीय पत्थर जैसे दुर्लभ नमूने भी रखे जाएंगे। साथ ही, जीवन की उत्पत्ति, विलुप्त प्रजातियों और पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ी जानकारी जीवाश्मों और डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से दी जाएगी।
म्यूजियम का एक बड़ा हिस्सा स्पेस साइंस पर केंद्रित होगा यहां PSLV और GSLV जैसे रॉकेटों के मॉडल, अपोलो-11 और चंद्रयान मिशनों की जानकारी और 3डी फिल्मों के माध्यम से ब्रह्मांड, ब्लैक होल और तारों की गतिविधियों का अनुभव कराया जाएगा। टेलीस्कोप और इंटरएक्टिव स्क्रीन के जरिये ग्रहों, नक्षत्रों और आकाशगंगाओं की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। म्यूजियम में बच्चों के लिए स्पेस मिशन सिमुलेशन, अंतरिक्ष यान उड़ाने और जीरो ग्रैविटी जैसे गेम्स की व्यवस्था होगी। इससे यह स्थान मनोरंजन के साथ विज्ञान और नवाचार के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने वाला शैक्षिक केंद्र बनेगा।
परियोजना के तहत एक एक्वेटिक साइंस म्यूजियम भी प्रस्तावित है, जिसमें मछलियां, कछुए, जेलीफिश और समुद्री घोड़े जैसे जीव एक्वेरियम टैंकों में प्रदर्शित किए जाएंगे। डिजिटल स्क्रीन, 3डी मॉडल और AR-VR तकनीक की मदद से आगंतुकों को जलवायु परिवर्तन, प्लास्टिक प्रदूषण और जैव विविधता संरक्षण की जायेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय