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रांची, 18 अक्टूबर (हि.स.)। झारखंड के प्रख्यात संगीतज्ञ और विकास विद्यालय के संगीत विभाग के सेवानिवृत्त अध्यक्ष एवं झारखंड रत्न से सम्मानित एसपी गुप्ता का निधन शुक्रवार को हो गया।
एसपी गुप्ता प्रसिद्ध ध्रुपद–धमार के गायक और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साधक थे।
उनकी अंतिम यात्रा रविवार की दोपहर एक बजे उनके निवास बरियातू स्थित सुरमलती कुंज, बिरला कोठी के निकट, रानी बगान से निकाली जाएगी।
एसपी गुप्ता अपने पीछे पत्नी मालती गुप्ता, दो पुत्रों राजेश गुप्ता और नवीन गुप्ता एवं पुत्री कंचन रानी को छोड गए हैं।
संगीत और मानवता के साधक थे एसपी गुप्ता
एसपी गुप्ता देश के सुप्रसिद्ध ध्रुपद–धमार गायक थे। वे पद्मश्री पंडित सियाराम तिवारी (दरभंगा घराना) के शिष्य तथा पंडित विनायक राव पटवर्धन (ग्वालियर घराना) से भी संगीत की शिक्षा ली थी। उन्होंने ऑल इंडिया ध्रुपद मेला, पंडित ओंकारनाथ ठाकुर जन्मशती समारोह (वाराणसी) जैसे अनेक प्रतिष्ठित आयोजनों में अपने गायन से देश और विदेश के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। वर्ष 2000 में झारखंड सरकार ने उन्हें सम्मानित किया था। वहीं वर्ष 2003 में उन्होंने लॉस एंजेलिस के सेरिटोस हॉल में पाकिस्तान के प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद तरी खान के साथ म्युजिक फ्रॉम थर्टीन टू टवेंटी फर्स्ट सेंचुरी नामक कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
वे विकास विद्यालय, रांची में वर्षों तक संगीत विभागाध्यक्ष रहे और हजारों विद्यार्थियों के जीवन में संगीत का दीप जलाया। उनके विद्यार्थी उन्हें केवल शिक्षक नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और मित्र के रूप में याद करते हैं।
उनसे संगीत सीखना ध्यान और अनुशासन का अभ्यास था।
वे लगभग हर वाद्य यंत्र हारमोनियम, तबला, पखावज में निपुण थे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने पत्नी मालती कुमारी के साथ मिलकर रांची के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में गरीब बच्चों के लिए संगीत शिक्षा का विद्यालय स्थापित की। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा योगदान रहा।
उनके निधन पर उनके सैकड़ों शिष्यों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak