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कानपुर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। दीपोत्सव कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति, परंपरा और अध्यात्मिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना है। अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक माना जाता है। साथ ही हम सभी को एकजुट होकर यह प्रण लेना चाहिए कि इस पावन पर्व के अवसर पर विदेशी नहीं बल्कि स्वदेशी अपनाएंगे। इसके अलावा मिट्टी के दीए जलाकर गरीब कुम्हारों को घरों को रोशन करें। यह बातें शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कानपुर प्रांत में डिवीजन सह प्रमुख डॉ संदीप ने कही।
राष्ट्रीय कला मंच कानपुर उत्तर जिला, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित कानपुर प्रांत के उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रांत में डिवीजन सह प्रमुख डॉ संदीप और प्रो आलोक सिंह मौजूद रहे। इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक रंगोली बनाकर कार्यक्रम में मौजूद लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कराया तो वहीं लक्ष्मी गणेश की पूजा कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) सदैव स्वामी विवेकानंद के बताए हुए मार्गों पर चलकर छात्र संगठन को मजबूती देने का काम कर रहा है। इसी उद्देश्य के चलते आज इस कार्यक्रम को छात्र-छात्राओं के बीच किया गया है। जिससे कि वह मॉडर्न तरीकों के बजाय भारतीय सलीके और तरीके से दीपावली का पर्व बनाकर समाज को संदेश दें।
जिला संगठन मंत्री उपेंद्र के द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में विभाग संगठन मंत्री ज्ञानेंद्र, सत्यम, दीपेंद्र, राघवेंद्र, पुष्पा व कैंपस के सभी छात्र-छात्रा मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप