हिसार : संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा : प्रो. किशनाराम बिश्नोई
हिसार : संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा : प्रो. किशनाराम बिश्नोई


नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए स्वागत एवं अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन

हिसार, 18 अक्टूबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्य्यन संस्थान में संस्कृत स्नातकोत्तर प्रथम

सेमेस्टर के नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए स्वागत एवं अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन

किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो. किशनाराम बिश्नोई

ने की।

प्रो. किशनाराम बिश्नोई ने शनिवार काे अपने उद्बोधन में कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं,

बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। संस्कृत ज्ञान के बिना भारतीय संस्कृति की गहराई

को समझना संभव नहीं। यह भाषा हमारे दर्शन, साहित्य, विज्ञान और नैतिक मूल्यों की आधारशिला

है। संस्कृत का अध्ययन व्यक्ति में वैचारिक अनुशासन, बौद्धिक स्पष्टता और सांस्कृतिक

चेतना का विकास करता है।

प्रो. किशनाराम बिश्नोई ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान

संस्कृत की परंपरा और आधुनिक दृष्टि के समन्वय का केंद्र है। यहां विद्यार्थियों को

भाषा के साथ-साथ भारतीय ज्ञान परंपरा की व्यापक दृष्टि से भी परिचित कराया जाता है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रामस्वरूप एवं आयोजन सचिव के रुप में सहायक प्रोफेसर

डॉ. इंदु बाला ने भूमिका निभाई। स्नातकोत्तर के विद्यार्थी रीया खटाना एवं रोहित ने

कुशलतापूर्वक संयोजन किया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखे और संस्कृत

के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की। कार्यक्रम का सफल संचालन शांतिपूर्ण एवं गरिमामय वातावरण

में हुआ। नवप्रवेशित विद्यार्थियों ने विभागीय शिक्षकों के मार्गदर्शन में संस्कृत

के अध्ययन को जीवन का गौरवपूर्ण अध्याय मानने का संकल्प व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर