जम्मू में कार्तिक मासिक शिवरात्रि 19 अक्टूबर को
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जम्मू, 18 अक्टूबर (हि.स.)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की आराधना के लिए मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष, ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर 2025 को दोपहर 1:52 बजे प्रारंभ होकर 20 अक्टूबर को दोपहर 3:45 बजे समाप्त होगी। चूंकि 19 अक्टूबर की रात्रि को पूर्ण चतुर्दशी रहेगी, इसलिए मासिक शिवरात्रि व्रत रविवार, 19 अक्टूबर को रखा जाएगा। इसी दिन श्री हनुमान जयंती का पर्व भी पड़ रहा है। इस अवसर पर सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है।

व्रत करने वाले श्रद्धालु भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद (पंचामृत), फूल, बेलपत्र, धूप-दीप, चंदन और ऋतुफल अर्पित करेंगे। इस दिन रुद्राभिषेक, शिवपुराण पाठ, शिव कथा, शिव स्तोत्रों के जाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व माना गया है। “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। महिलाओं के लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना गया है — अविवाहित महिलाएं उत्तम वर की प्राप्ति हेतु शिव से प्रार्थना करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार की मंगलकामना के लिए यह व्रत रखती हैं। यदि शिव मंदिर जाना संभव न हो, तो श्रद्धालु घर पर ही शांत वातावरण में शिव पूजा और मंत्र जाप कर सकते हैं, परंतु शिव को अर्पित प्रसाद स्वयं नहीं खाना चाहिए।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, राशि अनुसार विशेष पूजन विधि का भी महत्व है। उदाहरणस्वरूप, मेष राशि के जातक गुड़ या शहद मिले जल से अभिषेक करें, वृष राशि वाले गाय के दूध-दही से अभिषेक करें, जबकि मिथुन राशि वाले गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। इसी प्रकार प्रत्येक राशि के लिए विशिष्ट पूजन सामग्री और मंत्रों का उल्लेख किया गया है। शिव उपासना से न केवल समस्त दोषों का क्षय होता है, बल्कि आत्मबल, साहस और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। कार्तिक मास की यह शिवरात्रि श्रद्धा, भक्ति और साधना का पवित्र पर्व मानी जाती है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और कल्याण की अनुभूति कराती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा