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अररिया, 18 अक्टूबर (हि.स.)।
त्योहार के समय में नेपाल में रह रहे प्रवासी भारतीय नागरिक दीपावली छठ पर्व को मनाने अपने अपने गांव को लौट रहे हैं।
गांव लौटने के क्रम में भारत नेपाल सीमा पर नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदल कर वह गांव पहुंचते हैं। नेपाल से आ रहे प्रवासी भारतीय मनी एक्सचेंज काउंटर के साथ साथ आसपास के दुकान से सहजता के अनुरूप अपनी गाढ़ी कमाई को नेपाली मुद्रा से भारतीय मुद्रा में बदल रहे हैं।
इसी मौके का फायदा उठा रहे हैं जाली नोटों के कारोबारी। भारतीय जाली नोटों के कारोबारी अब छोटे जाली नोट को सीमावर्ती क्षेत्रों में खपाने के लिए भेज रहे हैं। इस बात का खुलासा विराटनगर के बस पार्क से गिरफ्तार किए गए अररिया के दो जाली नोट के कारोबारी से हुआ।
मोरंग पुलिस प्रवक्ता डीएसपी कोपिला चुँडाल ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि जाली नोट के साथ गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान अररिया जिले के 23 वर्षीय मो. अरबाज और मो. राजा के रुप मे हुई है। डीएसपी चुडाल के अनुसार यह दोनों जोगबनी के रानी सीमा से सीटी सफारी से विराटनगर आए थे । विराटनगर बस पार्क में उतरने के बाद मो.अरबाज के द्वारा सफारी चालक को भारतीय दो सौ के नोट दिया। जिसके उपरांत सफारी चालक को नोट असली से अलग नकली जैसे दिखने पर पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना पर वार्ड पुलिस कार्यालय विराटनगर की पुलिस टीम ने जांच के दौरान अरबाज के पास से दो सौ के 18 नोट और पांच सौ के एक नकली नोट बरामद किए गए।पुलिस को शुरुआती अनुसंधान में इनका संबंध जाली नोट के कारोबारी से होने की बात सामने आई है,जो नकली नोट के कारोबार में शामिल है।
पुलिस के अनुसार बरामद किए गए जाली नोट को विशेष प्रकार से प्रिन्ट में रंग का प्रयोग कर छापा गया है, जिस कारण से इसे आसानी से नेपाल के बाजार में खपाने की योजना थी। पुलिस के अनुसार पूछताछ में मो.अरबाज ने जाली नोट के मुख्य कारोबारी के भारत में ही होने की बात कही गई है।
पुलिस ने बताया कि इसका अंतर्देशीय बड़े कारोबार होने की बात सामने आई जिसके लिए कई चीजों का खुलासा अनुसंधान के बाद किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर