सर्दियों में पशुओं काे दें संतुलित आहार, भारी दूध उत्पादन और हाेगी कमाई शानदार: डॉ. शशिकांत
सर्दियों में पशुओं का आहार, भारी दूध उत्पादन और कमाई शानदार


कानपुर, 18 अक्टूबर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में कंपनी बाग़ स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर की तरफ से ग्राम प्रतापपुर में दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन हुआ हैं। यह जानकारी सीएसए के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने दी।

केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर शशिकांत ने कृषकों को बताया कि सर्दी के मौसम में पशुओं की देखभाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पशुपालकों को अपने पशु बाड़े में साफ हवा का आवागमन एवं साफ सुथरा बनाए रखें। पशुओं को पीने का साफ एवं स्वच्छ पानी के साथ ही संतुलित आहार का प्रबंध करना अति आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि पशुशाला में पशुओं को ठंड से बचने की व्यवस्था के साथ ही दिन में धूप का भी प्रबंध होना चाहिए। जिससे पशु को सर्दी से बचाया जा सके सर्दी में पशु अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखने के लिए ऊर्जा प्रदान करने वाले आहार की आवश्यकता बढ़ जाती है।

डॉ शशिकांत ने कहा कि सर्दियों के मौसम में पशु अपने आप को गर्म करने के लिए 15 से 20 प्रतिशत अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग करते हैं, सभी प्रकार के पशुओं जैसे दूध देने वाले, दूध न देने वाले, गर्भित पशु एवं ओसर पशु की उत्पादन क्षमता और शारीरिक स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए विशेष पोषण पर ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक पशु आहार शरीर की विभिन्न मेटाबॉलिक क्रियाओं, रक्त प्रवाह और समस्त शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। इसके लिए विभिन्न पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है, जैसे कार्बोहाइड्रेट-पशुओं को ऊर्जा प्रदान करता है, जो पशुओं के चारे में सबसे अधिक पाया जाता है।

डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि प्रोटीन से पशु शरीर की संरचना, शरीर की वृद्धि गर्भस्थ शिशु की वृद्धि एवं दुग्ध उत्पादन के लिए अति आवश्यक है l यह अनाज व खलियों में तथा दलहनी हरे चारे में पाया जाता हैl वही वसा- शक्ति का अनिवार्य स्रोत है इससे शरीर को ऊर्जा एवं ऊष्मा मिलती है यह पशु आहार में तीन से पांच प्रतिशत तक की आवश्यकता होती है जो बिनोला , सोयाबीन, सरसों , तिल एवं मूंगफली आदि के खलियों में पाया जाता हैlउन्होंने कहा कि खनिज मिश्रण के द्वारा पशु की हड्डियों एवं मांसपेशियों को निरोगी एवं मजबूत बनाता है जो कैल्शियम ,फास्फोरस ,लोहा ,आयोडीन ,कॉपर, कोबाल्ट ,सोडियम, पोटेशियम ,मैग्नीशियम और जिंक इत्यादि महत्वपूर्ण खनिज लवण है इनकी कमी को पूरा करने के लिए 50 ग्राम मिनरल मिश्रण एवं 50 ग्राम नमक प्रतिदिन देना चाहिए। इसके साथ ही विटामिन की मात्रा पूरी करने के लिए पशुओं को संतुलित मात्रा में हरा चारा दाना वह खा लिया खिलाने से विटामिन की कमी पूरी की जा सकती है।

केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने सर्दी में उगाई जाने वाली सब्जियों की बुवाई तथा उसमें लगने वाली बीमारियों के बारे में किसानों को विस्तार से बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद