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लखनऊ,18 अक्टूबर (हि.स.)। दीपावली से पहले धनतेरस पर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेशभर की बाजारों में काफी रौनक देखने को मिली। शनिवार दोपहर से बाजारों, माल,कपड़े व मिठाई की दुकानों में खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ रही। वहीं ज्वैलरी की दुकानों पर भी काफी ग्राहक जुटे। बड़ी संख्या में लोगों ने गाड़ी,मोबाइल,अन्य इलेक्ट्रिक सामानों की खरीदारी की। जन सामान्य में धारणा है कि धनतेरस पर खरीदारी करने से सुख- समृद्धि आती है। इसलिए लोग धनतेरस के दिन बर्तन व सोने-चांदी के जेवरात भी खरीदते हैं। नए डिजाइन में एल्युमिनियम तांबे व फूल के बर्तन की खरीदारी भी लोगों ने की।
स्वदेशी झालर खूब बिके
दीपावली के मद्देनजर लोग स्वदेशी सामान ज्यादा खरीद रहे हैं। स्वदेशी झालरों की बिक्री इस बार बढ़ी है। इसमें घी, तेल, बेसन, सूजी, सफाई और होम केयर प्रोडक्टस, इलेक्ट्रिक दीये, मोमबत्ती, जूस लोग खरीद रहे हैं। कारोबारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। नरही बाजार के झालर विक्रेता आनन्द गुप्ता ने बताया कि इलेक्ट्रिक झालर खरीदते समय ग्राहक यह पूछ रहे हैं कि स्वदेशी है कि नहीं जबकि पहले लोग नहीं पूछते थे।
श्री धन्वन्तरि जयंती का आयोजन हुआ सम्पन्न
अखिल भारतीय आयुर्वेद विशेषज्ञ सम्मेलन उत्तर प्रदेश द्वारा ‘धन्वन्तरि जयन्ती’ के अवसर पर शनिवार को राजाजीपुरम स्थित सरोज आरोग्यम केंद्र, लखनऊ में भगवान धन्वन्तरि जी का पूजन किया गया। इस अवसर पर सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शिव शंकर त्रिपाठी ‘‘राजवैद्य’’, डॉ. रेखा वाजपेई, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अमित शुक्ला डॉ. नीरज, डॉ. दीपांजली एवं डॉ. सरोज त्रिपाठी सहित 50 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सक एवं आयुर्वेद प्रेमी उपस्थित थे।
इस अवसर पर सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. शिव शंकर त्रिपाठी “राजवैद्य“ ने कहा कि ‘‘आयुर्वेद की मान्यता वैश्विक स्तर पर सुनिश्चत करना है।’’ यह लक्ष्य तभी साकार हो सकता है जब हम सभी मिलकर आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार को एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे आसपास पाए जाने वाले औषधीय पौधों का ज्ञान आज की नई पीढ़ी को बहुत ही सीमित है। ऐसे में प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर औषधीय पौधों की वाटिका “धन्वन्तरि वाटिका“ की स्थापना किया जाना आवश्यक है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन