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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कल्मिकिया में अवशेषों का प्रदर्शन भारत-रूस संबंधों को मजबूत करेगा। यह आयोजन कल्मिकिया के लोगों के लिए आस्था की ऐतिहासिक घर वापसी है। कल्मिकिया यूरोप का एकमात्र बौद्ध बहुल क्षेत्र है। यह आयोजन दो देशों के बीच आध्यात्मिक मित्रता और सांस्कृतिक सेतु का प्रतीक है और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की एकता को विश्व पटल पर दर्शाता है।
रूस के कल्मिकिया से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को इन्हें भारत वापस लाने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे मनोज सिन्हा ने मीडिया कहा कि कल्मिकिया में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का प्रदर्शन भारत और रूस के बीच जनता से जनता के संबंधों को और मजबूत करेगा। मनोज सिन्हा ने प्रतिष्ठित गेड़ेन शेडुप चोइकोर्लिंग मठ में अवशेषों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने खातक अर्पित किया, दीप प्रज्ज्वलित किया और बाकुला रिनपोछे के समक्ष प्रार्थना की। उन्होंने शाजिन लामा को कश्मीरी शॉल भी भेंट की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल 19 अक्टूबर को अवशेषों के साथ भारत लौटेगा। अब तक 90 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मठ में अवशेषों को नमन किया।
उल्लेखनीय है कि सांस्कृतिक गौरव
भगवान बुद्ध के इन पवित्र अवशेषों को भारत का राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है। इन्हें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भारत से कल्मिकिया लाया गया था। प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ भिक्षु भी शामिल थे, जिन्होंने वहां धार्मिक अनुष्ठान किए।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी