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- आस्था और परंपरा की झलक देखने पहुंचे लोग
मथुरा, 18 अक्टूबर(हि.स.)। मथुरा जिले के लिए धनतेरस पर्व बेहद ऐतिहासिक और खास होने जा रहा है। यहां वृंदावन के ठाकुर श्री बांकेबिहारी जी महाराज के मंदिर में पिछले 54 वर्षों से बंद पड़े तोशखाने (खजाना) को शनिवार काे मंदिर की हाई पावर्ड मंदिर प्रबंधन कमेटी के आदेश पर खोला जा रहा है। टीम मंदिर के अंदर प्रवेश कर चुकी है। वहीं गोस्वामी हंगामा कर रहे हैं। उनकी मांग है कि खजाने में से जो भी निकले, उसे मंदिर के बाहर स्क्रीन लगाकर लाइव किया जाए। सब की निगाह तोशखाने पर लगी हुई है। कहा जा रहा है कि इस खजाने में सोने-चांदी के आभूषण, कीमती वस्तुएं, प्राचीन धरोहरें और धार्मिक उपहार शामिल हो सकते हैं, जो दशकों से ताले में बंद पड़े हैं।
यह पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी की देखरेख में की जा रही है। कमेटी ने 29 सितंबर को निर्णय लिया था कि मंदिर के ’तोशखाना’ यानी खजाने वाले कमरे को खोला जाएगा। तब से ही तैयारी जोरों पर थी और आखिरकार शनिवार को दोपहर तीन बजे के बाद ताला खोला गया। मंदिर से जुड़े सदस्यों के अनुसार, खजाना जिस कमरे में रखा गया है, वह मंदिर के गर्भगृह के बिल्कुल पास स्थित है। लंबे समय से यह कमरा बंद है और केवल चुनिंदा पुजारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को ही इसकी जानकारी थी। अब जब इसे खोला जाएगा, तो इसके भीतर क्या-क्या मिलेगा, यह सभी के लिए रहस्य बना हुआ है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचकर इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने की तैयारी में हैं।
दीपदान विवाद भी उठा
शुक्रवार देर शाम बांके बिहारी मंदिर में एक नया विवाद भी सामने आया। मंदिर में दीपदान को लेकर हाई पावर टेम्पल मैनेजमेंट कमेटी के आदेशों की अनदेखी की गई। कमेटी ने निर्देश दिया था कि मंदिर के बाहर बने अर्धनिर्मित हॉल में केवल सात दीपक ही जलाए जाएं और हर दीपक में 50 ग्राम तेल से अधिक न हो। साथ ही यह भी तय किया गया था कि दीपदान की प्रक्रिया सूर्यास्त के बाद शुरू होकर ठाकुरजी की आरती से पहले समाप्त की जाएगी, लेकिन शुक्रवार को मंदिर के गर्भगृह के ठीक सामने जगमोहन क्षेत्र में नियमों की अनदेखी करते हुए दो दर्जन से अधिक दीपक जलाए गए। इस दौरान वहां भारी भीड़ उमड़ पड़ी और कई पुजारी दीपक जलाने में शामिल हुए।
गोस्वामियों का कमेटी पर सवाल
मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि हमें दीपदान की अनुमति नहीं दी गई, जबकि मंदिर के भीतर ही दीपदान कराया जा रहा है। गोस्वामी अशोकजी ने कहा कि जगमोहन में दीपदान की परंपरा पुरानी है, लेकिन कमेटी ने मंदिर के अंदर दीपदान पर रोक लगाकर केवल हॉल में सात दीपक जलाने की अनुमति दी। अब उसी आदेश का उल्लंघन मंदिर के अंदर हो रहा है। गोस्वामियों ने यह भी बताया कि वे इस विषय में कमेटी को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे और पूरे मामले की जांच की मांग करेंगे।
श्रद्धालुओं में उत्साह और जिज्ञासा
बांके बिहारी मंदिर के खजाने को खोले जाने की खबर से पूरे मथुरा में भक्ति और उत्साह का माहौल है। कई भक्त इसे धार्मिक और ऐतिहासिक क्षण मान रहे हैं। मंदिर के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई अव्यवस्था न हो। यह खजाना खुलेगा, तो मंदिर के इतिहास से जुड़ी कई अनकही बातें और रहस्य सामने आने की उम्मीद है। श्रद्धालु मानते हैं कि ठाकुरजी के खजाने में सिर्फ धन ही नहीं, बल्कि आस्था और परंपरा की झलक भी देखने को मिलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार