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गुवाहाटी, 18 अक्टूबर (हि.स.)। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय में आयोजित पूर्वोत्तर शिक्षा सम्मेलन 2025 के समापन सत्र में हिस्सा लिया। उन्होंने विश्वविद्यालयों को छात्रों को केवल नौकरीपेशा बनाने के बजाय जिम्मेदार, नवाचारी समाधान देने वाले और उद्यमी बनाने पर जोर देने की बात कही।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान और व्यवहारिक कौशल के माध्यम से देश की प्रगति सुनिश्चित करना है। उन्होंने स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, ओपन ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और सामुदायिक जुड़ाव को 21वीं सदी की शिक्षा के लिए जरूरी बताया।
उन्होंने असम के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा फील्ड-ड्रिवन और प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण लागू करने की पहल की सराहना की और कहा कि यह राज्य को देश में पहला प्रगतिशील कदम बनाने वाला बनाता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को नवाचार के मंदिर, नैतिक चिंतन के केंद्र और राष्ट्रीय विकास की प्रयोगशालाओं के रूप में विकसित करने का आह्वान किया।
सम्मेलन में त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री किशोर बर्मन, प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. स्मृति कुमार सिन्हा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश