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मंडी, 18 अक्टूबर (हि.स.)। भगवान धन्वंतरि की जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजन किया गया ।आरोग्य भारती के अध्यक्ष डा. किशोर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में नागरिक सभा मंडी के अध्यक्ष हरीश वैद्य ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उनके साथ नीलम वैद्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नरेश धीमान उपाध्यक्ष, रघुवीर मल्होत्रा कोषाध्यक्ष, नरेंद्रा कपूर सह सचिव, चंद्रप्रकाश वैद्य सहसचिव, शमशेर मिन्हास सह सचिव, प्रकाश वैघ उपस्थित रहे। आरोग्य भारती मंडी के डा. ओम राज शर्मा, प्रांत स्वास्थ्य प्रबोधन प्रमुख उपाध्यक्ष विख्यात गुलेरिया, महासचिव दुर्गेश शर्मा व सभी आयाम प्रमुख, प्रकाश शर्मा विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रमुख, सरिता हांडा व्यसन मुक्ति, कार्यक्रम प्रमुख कामराज ठाकुर, सह व्यसन मुक्ति कार्यक्रम अंशिका ठाकुर, कार्यालय सचिव सरिता हांडा, प्रकाश शर्मा, महेंद्र पाल राणा, कामराजठाकुर, सुनीता चौहान, धर्म संघ के अध्यक्ष भीमचंद सरोच, सर्व देवता कमेटी अध्यक्ष शिवपाल शर्मा, समाजसेवी सुमन चौधरी उपस्थिति रहे।
इस अवसर पर हरीश वैद्य ने भगवान धन्वंतरि के बारे मे जानकारी दी। डा. ओम राज शर्मा प्रांत स्वास्थ्य प्रवोधन प्रमुख ने भगवान धन्वंतरि के अवतरण दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धन्वंतरि आयुर्वेद के प्रणेता तथा चिकित्सा शास्त्र के देवता माने जाते हैं। भारतीय पौराणिक दृष्टि से धनतेरस को स्वास्थ्य ,आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के देवता धन्वंतरि का दिवस माना जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि जी से समस्त जगत् को निरोग कर मनुष्य को दीर्घायु प्रदान करने की प्रार्थना की जाती है पौराणिक कथाओं के अनुसार देवता एवं दानवों द्वारा समुद्र मंथन से हाथ में अमृतपूर्ण स्वर्ण कलश लिए श्याम वर्ण, चतुर्भुज भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए।भगवान विष्णु के समान भगवान धन्वंतरि ऊपर की दोनों भुजाओं में शंख और अमृत कलश है। तीसरे हाथ में आयुर्वेद संहिता और चौथे हाथ में औषधि है। अमृत-वितरण के पश्चात् देवराज इन्द्र की प्रार्थना पर भगवान धन्वंतरि ने देवताओं के चिकित्सक देव - वैद्य का पद स्वीकार कर लिया।
अमरावती उनका निवास बना बाद में पृथ्वी पर रोग जरा से पीड़ित आमजन के उपचार के लिए प्रजापति इंद्र की प्रार्थना पर भगवान धन्वंतरि ने काशी के राजा दिवोदास के रूप में पृथ्वी पर अवतार धारण किया। इनकी धन्वंतरि-संहिता आयुर्वेद का मूल ग्रंथ है। आयुर्वेद के आदि आचार्य सुश्रुत एवं अन्य ऋषियों ने धन्वंतरि से ही चिकित्सा एवं आयु के विज्ञान का उपदेश प्राप्त किया था।महासचिव दुर्गेश शर्मा ने सब का आभार व्यक्त किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा