सुरक्षित दिवाली के लिए 108 एम्बुलेंस तैयार
jodhpur


जोधपुर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान में आपात चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ईएमआरआईजीएचएस राजस्थान ने दिवाली पर्व पर विशेष सतर्कता बरती है।

संगठन के राज्य प्रमुख मधुसूदन भोमिया ने बताया कि 108 एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है और यह बस एक फोन कॉल की दूरी पर उपलब्ध है। ईएमआरआईजीएचएस का मुख्य उद्देश्य लोगों की जान बचाना और समय पर चिकित्सा सहायता पहुंचाना है। किसी भी आपात स्थिति या अप्रिय घटना के समय तुरंत 108 डायल करें, सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में 1094 एम्बुलेंस सेवाएं सक्रिय हैं, जो संभावित अतिरिक्त आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही, ईएमआरआईजीएचएस राज्यभर में 112 ईआरएसएस परियोजना के तहत 1000 पुलिस मोबाइल वैन भी संचालित कर रहा है।

त्योहारी मौसम में विशेष प्रबंध

त्योहारों के दौरान सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु ईएमआरआईजीएचएस राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्यभर में रात्रि निरीक्षण अभियान शुरू किया है। हर जिले में 108 एम्बुलेंस की कार्यप्रणाली की समीक्षा की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। संस्था ने बताया कि आपातकालीन कॉलों की त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एम्बुलेंसों को रणनीतिक और गतिशील रूप से तैनात किया गया है। यह तैनाती पिछले पांच वर्षों के त्योहारी सीजन के आपात स्थिति के रुझानों और पैटर्न पर किए गए शोध के आधार पर की गई है।

सडक़ सुरक्षा पर विशेष जोर

ईएमआरआईजीएचएस प्रशासन ने सभी पायलटों (ड्राइवरों) और ईएमटी को सडक़ पर एम्बुलेंस चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। संस्था ने जनता से अपील की है कि वे इस दिवाली को सुरक्षित और सतर्कता के साथ मनाएं, और किसी भी आपात स्थिति में 108 डायल कर तुरंत सहायता प्राप्त करें।

सुरक्षित दिवाली के लिए यह करें

आतिशबाजी के साथ प्रकाशित सुरक्षा सावधानियों को पढ़ें और उनका पालन करें। केवल कम शोर वाले पटाखों का ही प्रयोग करें। पटाखे केवल अपने घर के बाहर और खुले स्थानों पर ही जलाएं। टाइट सूती कपड़े पहनने की कोशिश करें। जब बच्चे पटाखे जला रहे हों तो वयस्कों की निगरानी सुनिश्चित करें। अगर किसी व्यक्ति को जलन हो जाए, तो प्रभावित जगह को कम से कम 20 मिनट तक खूब ठंडे पानी से धोए। अगर कोई बाहरी कण आपकी आंखों में चला जाए, तो पानी के छींटे मारें और डॉक्टर से सलाह लें।

छतों से ज्वलनशील पदार्थ और बेकार पड़ी चीज़ें हटा दें। सांस लेने में तकलीफ़ वाले लोगों को खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद करके घर के अंदर रहना चाहिए और इनहेलर स्प्रे तैयार रखना चाहिए। अगर कपड़ों में आग लग जाए, तो ज़मीन पर रुको, गिराओ और लुढक़ो नियम याद रखें। जहां आप पटाखे फोड़ रहे हैं, वहां हमेशा पानी की एक बाल्टी और रेत की बोरियां रखें। रात के समय और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बहुत सावधानी से गाड़ी चलाए। गंभीर आपात स्थिति में चिकित्सा, अग्निशमन और पुलिस सेवा प्राप्त करने के लिए 108 पर संपर्क करें।

यह नहीं करें

किसी भी फैक्ट्री परिसर के अंदर पटाखे न लाए। अस्पताल/नर्सिंग होम/वाहन आदि के पास पटाखे न जलाएं। रॉकेट दागने के लिए कांच की बोतलों/कंटेनरों का उपयोग न करें। पटाखे जलाते समय सिंथेटिक कपड़े न पहनें। अपने बच्चों को अकेला न छोड़ें। पटाखे जलाते समय पेड़ों और बिजली के तारों से दूर रहें। अस्थमा और सांस लेने में तकलीफ वाले लोगों को बाहर जाने से बचना चाहिए। अगर कपड़ों में आग लग जाए तो भागें नहीं क्योंकि आग बहती ऑक्सीजन से बढ़ती है। नीचे लुढक़ जाए और कंबल से ढक लें।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश