मातृशक्ति ही समाज की पहली शिक्षक, पोषण संस्कार और संस्कृति का संगम है: जिलाधिकारी
पोषण माह कार्यक्रम की समापन अवसर पर मौजूद जिलाधिकारी व अन्य


पौड़ी गढ़वाल, 17 अक्टूबर (हि.स.)। बाल विकास विभाग, पौड़ी के तत्वाधान में जिला मुख्यालय स्थित प्रेक्षागृह में राष्ट्रीय पोषण माह के समापन अवसर पर पोषण किट वितरण एवं पारंपरिक स्वस्थ व्यंजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिता की टीमों पुरस्कृत कर सम्मानित किया, वहीं बालिकाओं को किशोरी किट भी प्रदान किए। शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

उन्होंने पौड़ी, कोट, खिर्सू, कल्जीखाल और पाबौ विकासखण्ड की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा लगायी गयी पारंपरिक व्यंजनों की स्टॉल्स का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सिलबट्टे पर पारंपरिक नमक व चटनी तैयार कर स्थानीय खानपान संस्कृति के संरक्षण का संदेश दिया।

महिलाओं ने जिलाधिकारी का पारंपरिक मांगलिक गीतों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया। प्रेक्षागृह में उपस्थित महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आप सभी का यह उत्साह मातृशक्ति की सच्ची ताकत को दर्शाता है। एक मां ही समाज की पहली शिक्षक होती है, और बच्चों का भविष्य उसकी गोद में आकार लेता है। बच्चे के जीवन के शुरुआती कुछ वर्ष उसके मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए सबसे अहम होते हैं।

इन वर्षों में मां का स्नेह, पोषण और संवाद ही बच्चे की दिशा और दशा तय करता है। उन्होंने कहा कि पोषण केवल भोजन नहीं बल्कि संस्कार, परंपरा और जिम्मेदारी का संगम है। पारंपरिक व्यंजन हमारी संस्कृति की पहचान हैं और इनसे स्थानीय पौष्टिकता एवं स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों का संदेश मिलता है। जिलाधिकारी ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने परिवारों और समाज में पोषण, स्वच्छता और शिक्षा की प्रेरणास्रोत बनें।

पारंपरिक व्यंजन प्रतियोगिता में विकासखण्ड कोट की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की टीम प्रथम, पौड़ी एवं खिर्सू की टीम द्वितीय तथा कल्जीखाल की टीम तृतीय स्थान पर रही। विजेता टीमों को अतिथियों द्वारा पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित 45 बालिकाओं को किशोरी किट वितरित की गयी।

ब्लॉक प्रमुख अस्मिता नेगी ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना समाज का संतुलित विकास संभव नहीं है। आज की यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भरता, जागरुकता और स्वास्थ्य के प्रति सजग बना रही है। जिलाधिकारी के मार्गदर्शन से ग्राम स्तर तक पोषण अभियान को नयी ऊर्जा मिली है। जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र थपलियाल ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह का मुख्य उद्देश्य यह है कि हर घर में पोषण को जीवनशैली का हिस्सा बनाया जाय। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मेहनत और समुदाय की सहभागिता से जनपद में पोषण अभियान सशक्त रूप से आगे बढ़ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह