कांग्रेस ने डीटीसी बसों की कमी पर जताई चिंता
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव  (फाइल फोटो)


नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार जनता की मूलभूत जरुरतों को पूरा करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो गई है। उन्होंने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि त्योहारों के सीजन विशेषकर दिवाली और छठ पर्व पर जब लोगों को डीटीसी बसों की ज्यादा जरुरत है, घंटो इंतजार में खड़ा होना पड़ रहा है।

देवेंद्र यादव ने कहा कि आज राजधानी में जहां 11000 हजार डीटीसी बसों की जरूरत है, वहां डीटीसी और कलस्टर बसें मिलाने के बावजूद 5000 से कम बसें रोड पर चल रही है। यह चिंताजनक है कि प्रतिदिन 40 लाख लोग दिल्ली में डीटीसी बसों में सफर करते है, जबकि रोड़ से बसें लगातार कम हो रही है।

देवेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 12 वर्षों से आम आदमी पार्टी और भाजपा सरकार लगातार डीटीसी बसें बढ़ाने का वादा कर रही है लेकिन डीटीसी बेड़े में बसें बढ़ने की बजाय लगातार कम हो रही है। इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर 10 महीनों में डीटीसी की 2287 बसें और 553 कलस्टर बसें कुल मिलाकर 2820 बसें हटी है। दिल्लीवालों को बसों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी, पटपड़गंज, मयूर विहार, आईटीओ, मुडंका, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, नजफगढ़, बदरपुर, दिलशाद गार्डन, मयूर विहार फेस-3, सीमापुरी, नरेला सहित दूर दराज वाले मार्गों पर लोगों भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ बसें तो घंटों इंतजार करने पर भी नहीं आ रही हैं।

देवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बड़ी-बड़ी बातें करके अंतर्राज्यीय बसें, स्कूलों, कॉलेजों के लिए स्पेशल बसें देने की बात करके लोगों को गुमराह तो कर रही है लेकिन दिल्ली की जनता के लिए बसों के नाम छोटी देवी बसें देकर उपलब्धि बता रही है। वर्तमान में डीटीसी की 149 सीएनजी बसें ही सेवा में रह गई हैं। 2,517 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करता है, जिनमें से 717 बसें 9-मीटर मॉडल और 1,800 बसें 12 मीटर की शामिल हैं।

देवेंद्र यादव ने कहा कि अगर जल्द नई इलेक्ट्रिक बसें नहीं आई तो दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली पूरी ध्वस्त हो जाएगी, जिसकी चेतावनी डीटीसी पूर्व उपायुक्त डा. अनिल कुमार चिकारा भी दे चुके है। डीटीसी को तुरंत अपने बेड़े का विस्तार करना चाहिए। दिल्ली में बसों की कमी अब केवल परिवहन की समस्या नहीं है। बसों की कमी से यात्रियों की दैनिक दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा त्योहारी सीजन में राजधानी की सड़कों पर भीड़ बढ़ने के कारण बसों की संख्या में कमी एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव