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गुवाहाटी, 17 अक्टूबर (हि.स.)। प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय का चौथा स्थापना दिवस शुक्रवार को चंद्रपुर के हाजोंगबाड़ी स्थित परिसर में भव्य और गरिमामय समारोह के साथ मनाया गया। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद् और उच्च शिक्षा संस्थानों के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने विश्वविद्यालय के ‘समुत्कर्ष भवन’ (सभागार) और ‘धन्वंतरी भवन’ (फार्मेसी विभाग) का उद्घाटन किया। विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री पबित्र मार्घेरिटा ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज़ पेगू, जन स्वास्थ्य एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री जयंतमल्ल बरुवा, स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल और उत्तर पूर्व परिषद (एनईसी) के सचिव सतींद्र कुमार भल्ला भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा — “व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण संभव है और प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय इसी महान उद्देश्य की दिशा में अग्रसर है।”
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा, “विश्वविद्यालय का नाम असम के प्राचीन नाम ‘प्राग्ज्योतिषपुर’ से लिया गया है। शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि विश्वकल्याण की भावना को विकसित करना होना चाहिए। आधुनिक तकनीकी शिक्षा के साथ आध्यात्मिकता और मानवता का समन्वय अत्यंत आवश्यक है।”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘कौमुदी’ का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर स्मृति कुमार सिन्हा, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा, गुवाहाटी की सांसद बिजुली कलिता मेधी और शंकरदेव एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राणा प्रताप कलिता सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में स्थापित प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय विद्या भारती के आदर्शों और महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव की शिक्षाओं से प्रेरित होकर भारतीय ज्ञान परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रभक्ति पर आधारित उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्यरत है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुरूप यह विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति, आधुनिक ज्ञान और वैश्विक दृष्टिकोण के अद्वितीय समन्वय के साथ राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित अपनी अग्रगामी यात्रा जारी रखे हुए है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश