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भुवनेश्वर, 15 अक्टूबर (हि.स.) दीपावली और काली पूजा के आगमन के साथ ही श्रद्धालुओं के बीच ‘पयाश्राद्ध’ और ‘दीपदान’ जैसे पारंपरिक अनुष्ठानों की सही तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस असमंजस को दूर करने के लिए श्रीजगन्नाथ मंदिर, पुरी की मुक्तिमंडप पंडित सभा ने आधिकारिक रूप से स्पष्टीकरण जारी किया है।
मंदिर द्वारा अनुमोदित पांच पंचांगों के अनुसार, ‘श्यामा पूजा’, ‘पायश्राद्ध’ और ‘दीपदान’ का आयोजन 20 अक्टूबर को किया जाएगा। हालांकि, कुछ अन्य क्षेत्रीय पंचांगों में इन अनुष्ठानों की तिथि 21 अक्टूबर बताई गई है, जो सरकारी अवकाश से भी मेल खाती है। इससे श्रद्धालुओं में उलझन की स्थिति बनी हुई थी।
बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मुक्तिमंडप पंडित सभा ने श्रद्धालुओं से श्रीजगन्नाथ मंदिर द्वारा स्वीकृत पंचांग का पालन करने की अपील की है। सभा ने कहा कि मंदिर के मार्गदर्शन के अनुसार किए गए अनुष्ठान अधिक पवित्र और शास्त्रसम्मत माने जाते हैं। सभा ने स्पष्ट किया कि ‘पयाश्राद्ध’ और ‘दीपदान’ के अनुष्ठान 20 अक्टूबर को दोपहर 3:23 बजे के बाद किए जाने चाहिए, जो कि ग्रह-नक्षत्र की दृष्टि से शुभ मुहूर्त माना गया है।
मुक्तिमंडप सभा के कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य हृदय मिश्रा ने कहा, “दीपावली, काली पूजा, लक्ष्मी पूजा और पयाश्राद्ध जैसे अनुष्ठान रात्रि में संपन्न होते हैं। अतः श्रद्धालु 20 अक्टूबर को शाम 3:23 बजे के बाद ये अनुष्ठान प्रारंभ कर सकते हैं। जो सनातन परंपरा का पालन करते हैं, उन्हें इसी तिथि पर पूजा करनी चाहिए। सरकार को भी इस दिन अवकाश घोषित करने पर विचार करना चाहिए।”
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो