पूर्व पीएम ओली ने नेपाल में विद्रोह को पूर्व नियोजित वैश्विक षडयंत्र करार दिया
केंद्रीय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए ओली


काठमांडू, 15 अक्टूबर (हि.स.)। सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने 8 और 9 सितंबर को देश भर में हुए युवाओं के विरोध प्रदर्शनों को पूर्व नियोजित वैश्विक षडयंत्र करार दिया है। पूर्व पीएम ओली ने बुधवार को चेतावनी दी कि युवाओं के विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर नेपाल प्रति-क्रांति के कगार पर है। उन्होंने राजनीतिक दलों से लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने का आग्रह किया है।

ओली ने पार्टी की 10वीं केंद्रीय समिति की बैठक का उद्घाटन करते हुए 8 और 9 सितंबर के विरोध प्रदर्शनों को 'चरणबद्ध नाटक' बताते हुए इसे वैश्विक षडयंत्र बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा की योजना वर्षों पहले बनाई गई थी और इसका उद्देश्य नेपाल के संस्थानों को अस्थिर करना था। यह एक सहज विद्रोह नहीं था। इसमें शामिल कुछ लोग वर्षों से संसद को जलाने और राजनीतिक प्रणाली को खारिज करने के बारे में बात कर रहे थे। ओली ने कहा कि हालिया घटनाक्रम एक खतरनाक राजनीतिक प्रतिगमन का संकेत हैं, जो देश को अराजकता की ओर धकेल सकता है।

तीन दिवसीय बैठक में उभरती राजनीतिक स्थिति, पार्टी की संगठनात्मक मजबूती और इसकी आगामी राजनीतिक रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।ओली ने के दरिया समिति को संबोधित करते हुए बताया कि देश अप्रत्याशित रूप से क्रांति विरोधी चरण में प्रवेश कर गया है। अगर हम समय पर प्रतिक्रिया देने में विफल रहते हैं, तो नेपाल को विनाश की ओर घसीटा जाएगा। ओली ने राजनीतिक प्रणाली की रक्षा करने और देश के विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए सभी लोकतांत्रिक और प्रगतिशील ताकतों के बीच एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें तुरंत राष्ट्र को लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, भ्रष्टाचार मुक्त और विकास-उन्मुख मार्ग की ओर मार्गदर्शन करना चाहिए।

पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी पार्टी पर चल रहे हमले इसकी विफलताओं के कारण नहीं, बल्कि इसकी मजबूत राष्ट्रवादी स्थिति के कारण हुए हैं। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के दौरान व्यापक तोड़फोड़ की निंदा की, जिसमें पुलिस और सार्वजनिक संपत्ति पर हमले शामिल हैं। आंदोलन के नाम पर हमने देखा कि पुलिस पर हमला किया जा रहा है, उनकी वर्दी फाड़ दी गई है, कार्यालयों को आग लगा दी गई और एक अधिकारी की मौत हो गई है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया, यहां तक कि सेना ने भी नहीं, जिसने बस तमाशा को सामने आते देखा।

ओली ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि सरकार छोड़ने के बाद यूएमएल की राजनीतिक प्रासंगिकता कम हो जाएगी। ओली ने इस बात पर जोर देते हुए कि पार्टी देश की प्रगति के लिए केंद्रीय बनी हुई है। देश को अभी भी यूएमएल की आवश्यकता है। सिर्फ इसलिए कि हम अभी के लिए सरकार से बाहर हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम गायब हो गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास