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दार्जिलिंग, 15 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए राज्य सरकार के राहत और पुनर्वास कार्यों की केवल आलोचना करने के बजाय सबको पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए।
दार्जिलिंग हिल्स में आयोजित प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिरिक, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और अन्य इलाकों में कई घर, स्वास्थ्य केंद्र तथा प्रशासनिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा, सिर्फ शिकायत करने से लोगों की परेशानियां दूर नहीं होंगी। हर किसी को आगे बढ़कर प्रभावितों की मदद करनी चाहिए।
ममता बनर्जी ने लोगों से नवगठित पश्चिम बंगाल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में दान देने की अपील की और ऊर्जा मंत्री अरूप विश्वास को इसके खाते का विवरण पढ़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, हम किसी से भीख नहीं मांग रहे हैं, हम खुद संभाल लेंगे। यह बयान उन्होंने भाजपा-शासित केंद्र सरकार पर कटाक्ष के रूप में किया।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र ने अब तक उत्तर बंगाल में आई प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्य को एक पैसा भी नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों में राहत किट वितरित करा रही है और किसानों को फसल बीमा की राशि भी उपलब्ध कराती है। उन्होंने प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि नुकसान का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर कृषि विभाग को भेजें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने सब्जियों और जल्दी खराब होने वाले उत्पादों की सस्ती बिक्री के लिए 46 नए सुफल बंगला आउटलेट खोले हैं। उन्होंने कहा, भूस्खलन और बाढ़ के बाद इन आउटलेट्स पर 500 क्विंटल आलू भेजे गए हैं।
बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार उत्तरी बंगाल में कृषि विकास के लिए अब तक 7 हजार करोड़ खर्च कर चुकी है।--------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर