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धमतरी, 15 अक्टूबर (हि.स.)। धमतरी शहर में मवेशियों की धर पकड़ नहीं हो रही है , नगर निगम हफ्ते 15 दिन में औपचारिकता निभाने मवेशियों की धर पकड़ कार्रवाई करते हैं उसके बाद स्थिति जस की तस्वीर बन जाती है इसके चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
त्योहारी सीजन में तो स्थिति और बदहाल हो गई है। ग्राहकों की भीड़ में मवेशियों के जमघट के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है
श्याम तराई कृषि उपज मंडी से लेकर सोरिद काली एलएलएम मंदिर तक हर दिन 30 से भी अधिक मवेशी बैठे रहते हैं , यही हाल अंबेडकर चौक से गोकुलपुर मार्ग का है । यहां भी सुबह से लेकर रात तक मवेशियों की आवाजाही बनी रहती है। टिकरापारा पीपल पेड़ के नीचे तो मवेशियों का स्थाई अड्डा है। यहां भी 24 घंटे मवेशी बैठे रहते हैं । म्युनिसिपल स्कूल के पास तो नगर निगम मवेशियों को पकड़ने भी नहीं जाता। इतवारी बाजार का भी यही हाल है। यहां के चुनिंदा मवेशी मालिकों को नगर निगम द्वारा छूट प्रदान कर दी गई है। यही कारण है कि यहां के मवेशी सब्जी विक्रेताओं के लिए परेशानी का सबक बने हुए हैं। विक्रेता सब्जी बेचे की मवेशी भगाए यह स्थिति बनी रहती है। साप्ताहिक इतवारी बाजार के दिन तो यहां सब्जी खरीदना किसी सजा से कम नहीं है। यहां हमेशा जान का खतरा बना रहता है। सब्जी खरीदने वाले के पीछे अचानक मवेशी कहां से आ जाए इसे कहा नहीं जा सकता। कहीं से भी मवेशी घुस जाते हैं कई बार मवेशियों का खुर ग्राहकों की पैर पर लग जाता है, जिससे असहनीय पीड़ा होती है। सब्जी चट करने से मवेशी बाज नहीं आते। विक्रेताओं क्रेताओं को सब्जी की अतिरिक्त देखरेख करनी पड़ती है कई मवेशी मलिक जानबूझकर साप्ताहिक इतवारी बाजार में अपनी मवेशियों को छोड़ देते हैं ताकि मवेशी सब्जियां चट कर सकें इसे हमेशा जान का खतरा बना रहता है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम क्षेत्र में विचरण कर रहे बेसहारा मवेशियों की धर पकड़ के बाद उसे कांजी हाउस में रखने के लिए ग्राम अर्जुनी में कांजी हाउस का निर्माण किया गया है यहां मवेशी रखने की क्षमता 120 है लेकिन यहां पर क्षमता से कम संख्या में मवेशी रखे हुए हैं।
नगर निगम के मवेशी धरपकड़ अभियान प्रभारी चैतन्य सिंह ठाकुर ने कहा कि मवेशी धर पकड़ अभियान समय-समय पर चलाया जाता है फिर से मवेशियों की धरपकड़ की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा