खगेन मुर्मू और शंकर घोष पर हमले के बाद कई भाजपा नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी
खगेन को देखने पहुंची ममता


कोलकाता, 15 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के कई शीर्ष भाजपा नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। यह कदम हाल ही में पार्टी नेताओं पर हुए हमलों के मद्देनजर उठाया गया है।

कुछ दिन पहले मालदा दक्षिण से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और राज्य विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक शंकर घोष पर उत्तर बंगाल के नागरकाटा में दौरे के दौरान हमला हुआ था। दोनों नेता बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा के लिए वहां गए थे। इस घटना में घोष को हल्की चोटें आईं और उन्हें अगले दिन अस्पताल से छुट्टी मिल गई, जबकि मुर्मू की गाल की हड्डी टूटने के कारण सर्जरी करनी पड़ी और वे अभी भी अस्पताल में हैं।

हालांकि, जांच एजेंसियों को अब तक किसी संगठन की संलिप्तता के प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि हमले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थित असामाजिक तत्व शामिल थे।

राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य में कुछ भाजपा नेताओं की सुरक्षा को तत्काल मजबूत करने की आवश्यकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस दिशा में राज्य गृह विभाग के साथ समन्वय कर रहा है ताकि अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार और राज्य भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य उन नेताओं में शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।

निर्णय के तहत शुभेंदु अधिकारी को अब पूरे देश में जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। अब तक उन्हें वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी और जेड श्रेणी की सुरक्षा केवल पश्चिम बंगाल, झारखंड और मणिपुर में लागू थी। नई व्यवस्था के तहत उन्हें पूरे भारत में जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से छह एनएसजी कमांडो के साथ पुलिस एस्कॉर्ट भी शामिल होता है। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय दिवाली से पहले इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी करेगा।

शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय उस घटना के बाद आया है, जब 5 अगस्त को उनके कूचबिहार दौरे के दौरान उन पर हमला हुआ था। भाजपा ने उस समय आरोप लगाया था कि यह हमला तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों ने किया था। इस घटना के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखी गई थी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य, जो सामान्यतः सुरक्षा कर्मियों के बिना चलते हैं, को भी अब सुरक्षा घेरे में लेने पर विचार किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, प्रोटोकॉल के अनुसार भट्टाचार्य को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन उन्होंने अब तक इसे अस्वीकार किया है। मंत्रालय इस संबंध में खतरे का आकलन कर रहा है और जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षा स्वीकार करनी पड़ सकती है। वर्तमान में भट्टाचार्य बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शिक्षा और पूर्वोत्तर मामलों के राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार की सुरक्षा की भी समीक्षा शुरू की है। उन्हें उनके मंत्री पद के चलते पहले से जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जिसे परिस्थितियों के अनुरूप और मजबूत किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के 32 भाजपा नेताओं की केंद्रीय सुरक्षा हटा ली थी। इनमें डायमंड हार्बर से अभिजीत दास, पूर्व विधायक दीपक हल्दर, बोलपुर उम्मीदवार पिया साहा, जंगीपुर उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री जॉन बारला (जो बाद में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए), पूर्व सांसद दशरथ तिर्के, भाजपा नेता शंकुदेव पांडा और पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर शामिल थे।

राज्य भाजपा सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय फिलहाल शीर्ष नेताओं अग्निमित्रा पॉल, लॉकेट चटर्जी, सांसद मनोज टिग्गा, पूर्व मंत्री निशीथ प्रमाणिक और अभिजीत गांगोपाध्याय की सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा कर रहा है।-------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर