भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का स्पष्ट निर्देश- पश्चिम बंगाल की नई राज्य समिति में संगठन को प्राथमिकता
अमित शाह


कोलकाता, 15 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी अक्टूबर में अपनी नई राज्य समिति घोषित करने जा रही है। इससे पहले पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य इकाई को निर्देश दिया है कि नई समिति में ऐसे नेताओं को शामिल किया जाए, जो चुनाव लड़ने के बजाय संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दें।

सूत्रों के अनुसार, नई राज्य समिति में कुल 31 सदस्य होंगे। केंद्रीय नेतृत्व चयन प्रक्रिया पर करीबी नजर रखे हुए है और उसने साफ कहा है कि कुछ अपवादों को छोड़कर ज्यादातर सदस्य केवल संगठनात्मक काम पर केंद्रित रहें। भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील बंसल स्वयं एक ऐसी टीम बनाने के पक्ष में हैं, जो पूरी तरह संगठन सशक्तिकरण को समर्पित हो।

वर्तमान समिति के कुछ ऐसे सदस्य जो पहले से निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं या नई समिति में बनाए रखे गए हैं, उन्हें अपवाद स्वरूप रखा जाएगा। लेकिन नए शामिल होने वाले सदस्यों को संगठनात्मक दायित्वों पर ही ध्यान केंद्रित करने और चुनावी राजनीति से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पाया है कि जिन नेताओं के पास संगठनात्मक जिम्मेदारी के साथ-साथ जनप्रतिनिधि का पद भी होता है, वे दोनों भूमिकाओं में संतुलन नहीं बना पाते। इस स्थिति से बचने के लिए पार्टी चाहती है कि नई राज्य समिति के अधिकांश सदस्य संगठन निर्माण में पूर्णकालिक भूमिका निभाएं।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि माकपा ने लंबे समय से पश्चिम बंगाल में दो समानांतर नेतृत्व प्रणाली विकसित की थी - एक संगठनात्मक कार्यों पर केंद्रित और दूसरी विधायी या प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर।

इस मॉडल का उदाहरण वाम मोर्चा के वर्तमान अध्यक्ष विमान बोस हैं, जिन्हें हमेशा संगठन के मजबूत स्तंभ के रूप में देखा गया। उन्होंने एक समय लोकसभा या राज्यसभा जाने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया था, ताकि वे पूरी तरह पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटे रह सकें।-----------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर