Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मुंबई, 15 अक्टूबर (हि.स.)। गढ़चिरौली जिला पुलिस मुख्यालय में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य और पोलित ब्यूरो के सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू उर्फ अभय सहित 60 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया है। भूपति पर विभिन्न राज्यों में लगभग 6 करोड़ रुपये का इनाम था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक (नक्सल) संदीप पाटिल, पुलिस महानिदेशक (विशेष कार्रवाई) शेरिंग दोरजे उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, गढ़चिरौली जिला, जिसने 40 से ज़्यादा वर्षों तक माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, विकास से काफी हद तक वंचित रहा है। उस समय इस आंदोलन में कई युवाओं ने हिस्सा लिया था। हालांकि, विकास कार्यों के जरिए नए नक्सलियों की भर्ती रोक दी गई।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलियों का पूरी तरह सफाया करने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में, इसी साल 21 मई को छत्तीसगढ़ में हुई एक मुठभेड़ में देश के शीर्ष नक्सली नेता और माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ़ बसवा राजू समेत 27 नक्सली मारे गए थे। इसके बाद भूपति को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की चर्चा थी। हालांकि, केंद्रीय समिति ने सितंबर में पोलित ब्यूरो सदस्य थिप्पारी तिरुपति उर्फ़ देवजी को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया। इस बीच, भूपति ने एक पर्चा जारी कर केंद्र सरकार से शांति वार्ता का आह्वान किया था और हथियार त्यागने की घोषणा की थी।
भूपति ने अपनी तस्वीर के साथ निरस्त्रीकरण की घोषणा करते हुए एक पर्चा प्रकाशित किया था। तभी भूपति पुलिस के संपर्क में आया और यह अनुमान लगाया जाने लगा कि वह आत्मसमर्पण कर देगा। यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति के कारण नक्सल आंदोलन कमजोर पड़ रहा है। पिछले दो दशकों में गढ़चिरौली जिले में 700 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और भूपति जैसे केंद्रीय नेता के आत्मसमर्पण ने नक्सल आंदोलन को कमजोर किया है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव