गाजा में युद्धविराम के बाद इजराइली सैनिकों के पीछे हटते ही हजारों फिलिस्तीनी घर लौटे
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गाजा पट्टी, 11 अक्टूबर (हि.स.)। गाजा पट्टी में शुक्रवार को युद्धविराम के प्रभावी होते ही इजराइल की सेना ने पीछे हटना शुरू कर दिया। इस दौरान हजारों फिलिस्तीनी अपने घर लौट आए। अपने शहरों में हुए विनाश को देखकर वह निराश महसूस कर रहे हैं। युद्धविराम लागू होते ही बिना एक पल गंवाए हजारों फिलिस्तीनियों ने गाजा के दक्षिण से गाजा शहर की ओर लंबी और धूल भरी पैदल यात्रा शुरू की। रास्ते में खंडहरों में तब्दील शहर देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं।

सीएनएन न्यूज चैनल के प्रसारण में घरवापसी पर व्यापक चर्चा की गई है। सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से इस पट्टी में युद्ध छिड़ गया था। इससे उत्तरी गाजा की लगभग पूरी आबादी विस्थापित हो गई थी। पिछले दो वर्षों में यह इलाका मलबे में तब्दील हो चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, हवाई फुटेज में सिर्फ खंडहर नजर आ रहे हैं। वहां न तो कोई बुनियादी ढांचा है, न बिजली और न ही पानी की कोई व्यवस्था।

अहमद अबू वत्फा ने कहा, मैं दुआ करता हूं कि अल्लाह हमारे दुख और तकलीफ दूर करे और लोग अपने घरों को लौट जाएं। अगर घर तबाह भी हो जाएं, तो भी अल्लाह की मर्जी से हम लौटेंगे। अबू लौटे तो हैं पर उन्होंने शेख रादवान के यहां पनाह ली है। उन्होंने कहा कि बेहद खुशी हो रही है, हालांकि उन्हें पता है कि शायद अब उनके लिए घर जैसा कुछ भी नहीं है।

इस बीच इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) के एक प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को तटीय अल-रशीद स्ट्रीट और गाजा पट्टी के केंद्र में सलाह अल-दीन रोड के जरिए दक्षिण से उत्तर की ओर जाने की अनुमति दी गई है। सनद रहे कि इजराइल ने युद्ध की शुरुआत में उत्तरी गाजा के अधिकांश निवासियों को इलाका छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। इस साल जनवरी में हुए युद्धविराम के दौरान उसने कुछ समय के लिए लोगों को कुछ हिस्सों में लौटने की अनुमति दी थी। फिर सितंबर में इजराइल ने गाजा शहर को पूरी तरह खाली करा लिया था। आईडीएफ ने कहा था कि निकासी आदेश के बाद 6,40,000 लोग शहर छोड़ चुके हैं।

उत्तरी अल-शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सलमिया ने बताया कि शुक्रवार को गाजा शहर के कुछ इलाकों से इजराइली सेना के हटने के बाद कम से कम 33 फिलिस्तीनियों के शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ शवों की पहचान करना असंभव है। घरवापसी करने वाले ताल अल हवा निवासी मजदी फुआद मोहम्मद अल-खौर बेहद परेशान हैं। अपने घर के मलबे के बीच खड़े मजदी ने कहा कि उनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी युद्ध में मारे गए। उनका घर तबाह हो गया और उनका लगभग सब कुछ खत्म हो गया। उन्होंने कहा, इस घर को बनाने में 40 साल लगे हैं। अब मैं 70 साल का हूं। अब मैं काम नहीं कर सकता और मेरा स्वास्थ्य मुझे इसकी इजाजत नहीं देता। मैं कहां जाऊं? मैं बूढ़ा और बीमार हूं। पत्नी भी बीमार है और आंखों से देख नहीं सकती।

इजराइली सेना ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में युद्धविराम लागू है और जवान समझौते के अनुरूप पीछे हट रहे हैं। बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई के लिए 72 घंटे की अवधि शुक्रवार से शुरू हो गई। इस समझौते के तहत इजराइल में लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को भी रिहा किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद