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-विजेताओं को ओलंपियन योगेश्वर दत
व कुलगुरु प्रो.सिंह ने विजेता पुरस्कृत किए
सोनीपत, 11 अक्टूबर (हि.स.)। दीनबंधु
छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता
के उद्घाटन सत्र में शनिवार को ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि
खिलाड़ी किसी भी देश की असली धरोहर होते हैं। जिस देश के खिलाड़ी ओलंपिक में अधिक पदक
जीतते हैं, वही देश वास्तव में शक्तिशाली कहलाता है। उन्होंने कहा कि खेल हमें विपरीत
परिस्थितियों में संघर्ष करना सिखाते हैं और हार की स्थितियों में भी हार न मानने की
प्रेरणा देते हैं।
योगेश्वर
दत्त ने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि बिना परिश्रम के इतिहास नहीं लिखा जा सकता।
उन्होंने कहा कि ओलंपिक पदक जीतने की प्रेरणा उन्हें 1996 में टेनिस खिलाड़ी लिएंडर
पेस से मिली थी, जब देश को एकमात्र पदक प्राप्त हुआ था। दत्त ने कहा कि हर खिलाड़ी
को यह समझना चाहिए कि खेल में हर कोई पदक नहीं जीतता, परंतु हर प्रतियोगिता हमें आत्मविश्वास
और जीवन संघर्ष की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति और समर्पण का भाव हमें
अपने सैनिकों से सीखना चाहिए, जो राष्ट्र की रक्षा के लिए निरंतर तत्पर रहते हैं।
कुलगुरु
प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग
हैं। यह केवल शारीरिक विकास ही नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता, आत्मविश्वास और नेतृत्व
क्षमता का भी निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि खेल महोत्सव केवल प्रतियोगिता नहीं,
बल्कि युवा ऊर्जा, अनुशासन, परिश्रम और टीम भावना का उत्सव है। पुस्तकें हमें ज्ञान
देती हैं, जबकि खेल जीवन जीने की कला सिखाते हैं।
खेल
निदेशक डॉ. बीरेंद्र हुड्डा ने बताया कि विश्वविद्यालय को छह हाउसों में बांटा गया
था। पहले दिन के परिणाम इस प्रकार रहे क्रिकेट में महाराणा प्रताप हाउस विजेता रहा
और विवेकानंद हाउस उपविजेता। वॉलीबॉल में महाराणा प्रताप हाउस ने चंद्रशेखर हाउस को
हराया। महिलाओं की बास्केटबॉल में शिवाजी हाउस विजेता रहा, जबकि पुरुषों की फुटबॉल
में भगत सिंह हाउस ने बाजी मारी। प्रो. सुरेश वर्मा, डॉ. प्रदीप, एनसीसी समन्वयक, खेल समिति
के सदस्य, शिक्षक व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह उत्साह, जोश और
अनुशासन की मिसाल बना रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना